नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को पत्र लिखकर तमिलनाडु के मछुआरों के पारंपरिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए स्थायी समाधान खोजने का अनुरोध किया है।
मंगलवार को भेजे अपने पत्र में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों को पकड़ने की घटनाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। एक जुलाई को श्रीलंकाई अधिकारियों ने तमिलनाडु के 25 मछुआरे पकड़ लिए। उससे पहले भी कई मछुआरों को बंदी बनाया गया है।
स्टालिन ने लिखा कि विदेश मंत्री डा. जयशंकर ने 27 जून को अपने जवाब में कच्चाथीवू समझौते का जिक्र किया था। इस संबंध में डीएमके के रुख को स्पष्ट करते हुए स्टालिन ने कहा कि द्रमुक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कच्चाथीवू समझौते का पुरजोर विरोध किया था। डीएमके द्वारा इसका विरोध तमिलनाडु विधान सभा और संसद में स्पष्ट रूप से किया गया। इस समझौते से पहले तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार से उचित परामर्श नहीं किया गया, यह सर्वविदित है। जिसने भारतीय मछुआरों के अधिकारों और हितों को खतरे में डालते हुए और उन्हें वंचित करते हुए द्वीप को पूरी तरह से श्रीलंका को सौंप दिया।
स्टालिन ने पत्र में लिखा कि चुनाव में राजनीति करने के लिए इस मुद्दे को सामने लाया जाता है, लेकिन मछुआरों के हितों को कोई नहीं देखता। स्टालिन ने विदेश मंत्री से मछुआरों के पारंपरिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए स्थायी समाधान खोजने का अनुरोध किया है।
साभार – हिस