Home / National / भारत में जन्में मत-पंथ संप्रदायों में मतांतरण से राष्ट्रीयता पर असर नहीं -कुलपति प्रो अग्निहोत्री

भारत में जन्में मत-पंथ संप्रदायों में मतांतरण से राष्ट्रीयता पर असर नहीं -कुलपति प्रो अग्निहोत्री

  • विद्यार्थी परिषद द्वारा मतातंरण का प्रभाव शीर्षक पर फेसबुक लाइव कार्यक्रम

  • हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अग्निहोत्री ने दिया व्याख्यान


भुवनेश्वर. भारत में जन्में मत-पंथ संप्रदायों में मतांतरण से राष्ट्रीयता पर किसी प्रकार का असर नहीं होता, लेकिन विदेशों में जन्में मत पंथ संप्रदायों में मतातंरण से राष्ट्रीयता पर असर पड़ता है, क्योंकि वे मतांतरित होने वाले लोगों को अपने पूर्वजों की संस्कृति व परंपरा से काटने के लिए बाध्य करते हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओडिशा ईकाई द्वारा मतांतरण का राष्ट्रीयता पर क्या कोई प्रभाव पड़ता है शीर्षक फेसबुक लाइव कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने यह बात कही.
प्रो अग्निहोत्री ने कहा कि भारतीय ऋषियों ने कहा था एकं सद विप्राः बहुधा वदंति। अर्थात ईश्वर एक ही हैं। विद्वान लोग उसकी अलग-अलग नामों से पुकारते हैं. इस कारण किसी भी मार्ग से ईश्वर तक पहुंचा जा सकता है. यह भारत का मूल सिद्धांत है. इस कारण भारत में कोई वैष्णब शैव मत में जा सकता है तो कोई जैनी बन सकता है.

इसमें उनके पूर्वज, परंपराओं व संस्कृति वैसी ही रहती है, लेकिन विदेशों में जन्में सेमेटिक मजहबों में ऐसा नहीं है. वहां मतांतरित व्यक्ति अपने पूर्वजों की संस्कृति, परंपरा, प्रतीकों को छोड़ना होता है. उन्हें बामियान में विशाल बौद्ध मूर्तियों को तोड़े जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि बामियान में आफगानीस्तान के लोगों ने ही भगवान बौद्ध की विशाल मूर्तियों का निर्माण किया था, लेकिन कुछ पीढ़ियों के बाद वहीं के लोगों ने अपने पूर्वजों की विशाल कृति को तोड़ा.

उन्होंने कहा कि लोग वहीं हैं, खानपान वहीं है, भाषा वहीं है, लेकिन क्या बदल गया जो जिन पर उन्हें गर्व होना चाहिए था कि उनकी पूर्वजों ने उसे बनाया था, अब उसे तोड़ने पर उतारु हो गये. उन्होंने कहा कि उन्हें केवल पूजा करने पद्धति बदली थी. पूजा करने की पद्धति बदलने मात्र से ही उनके पूर्वजों की धरोहरों पर उन्हें घृणा होने लगी और उसे उन्होंने तोड़ दिया.

Share this news

About desk

Check Also

नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ जहाज

पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *