Home / National / सीएए: भारत आए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए नया सबेरा
PM_Modi सीएए

सीएए: भारत आए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए नया सबेरा

  • नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के तहत पात्र व्यक्ति भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर पायेंगे

हेमन्त कुमार तिवारी, इण्डो एशियन टाइम्स

भुवनेश्वर/नई दिल्ली: अधिसूचित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए-2019) के नियम पड़ोसी देशों से प्रताड़ित होकर भारत आए अल्पसंख्यकों के लिए नया सबेरा लेकर आया है।  नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए-2019) के तहत नियमों को अधिसूचित कर दिया गया है। नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के तहत पात्र व्यक्ति भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर पायेंगे। गृह मंत्रालय ने इस इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए कहा है कि आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और इसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।

सीएए भारत के पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए नागरिकता पाने को सुगम बनाने का प्रावधान है। इसके तहत इन देशों से प्रताड़ित होकर आए हिन्दू, बौद्ध, सिख और ईसाई भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

हालांकि नासमझी के कारण सीएए को लेकर 2019 में विरोध प्रदर्शन हुए थे। शाहीन बाग में एक बड़ा आंदोलन चला था। कोविड के चलते बाद में प्रदर्शनकारियों को वहां से हटना पड़ा था। इस बार ऐसा विरोध न हो, इसको लेकर सरकार सजग है और इसके लिए पूरी तरह तैयार है।

सरकार ने कहा नहीं जाएगी किसी की नागरिकता, कांग्रेस ने कहा मकसद ध्रुवीकरण

नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद से देशभर से पक्ष विपक्ष में प्रतिक्रिया आ रही है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेता जहां इसका समर्थन कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसके समय और इसके प्रावधानों पर सवाल उठा रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया। ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इस अधिसूचना के साथ प्रधानमंत्री ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है। संकल्प से सिद्धि तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी एक और गारंटी पूरी कर दी है।

विश्व हिन्दु परिषद ने भी फैसले का स्वागत किया

विश्व हिन्दु परिषद ने भी फैसले का स्वागत किया है। सरकार का धन्यवाद देते हुए विहिप ने कहा है कि इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित शरणार्थियों के लिए भारत की नागरिकता प्राप्त करने का रास्ता अब साफ हो गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे भारत में सम्मान के साथ और समान व्यक्ति के रूप में रहें। विहिप अपने कार्यकर्ताओं और अन्य सामाजिक संगठनों से ऐसे शरणार्थियों को भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने की औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने का आह्वान करती है। यह उन सभी को शरण, सम्मान और प्रतिष्ठा देने की भारतीय परंपरा के अनुरूप है जो बाहर अपमान सहते हैं और भारत माता की शरण लेते हैं।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सीएए नियमों को साढ़े चार साल बाद लागू किए जाने पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि चुनावों से पहले इसे लागू करना देश में और विशेष रूप से असम और बंगाल में ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।

काशी में सड़कों पर उतरी फोर्स, गलियों में गश्त

देश में सोमवार को ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (सीएए) लागू होते ही काशी में पुलिस अफसर फोर्स के साथ सड़कों और संवेदनशील इलाकों के गलियों में गश्त के लिए निकल पड़े। शाम को केन्द्र सरकार ने सीएए लागू होने के लिए अधिसूचना जारी कर दी। पूर्व में सीएए के विरोध को देखते सतर्क अफसरों ने पूरी तैयारी के साथ पैदल मार्च किया।

भेलूपुर थाना क्षेत्र के संवेदनशील और मिश्रित आबादी के खोजवां और बजरडीहा में सहायक पुलिस आयुक्त भेलूपुर डॉ अतुल अनजान त्रिपाठी, प्रभारी निरीक्षक भेलूपुर ने पैदल गश्त किया। अफसरों ने संकुलधारा पोखरा, गुलरिया मोड़, कश्मीरी गंज, खोजवा बाजार, गांधी चौक, सराय नंदन, लमही मस्जिद, तेलियाना, मुर्गिया टोला और अन्य क्षेत्रों में भी गश्त किया। इसी तरह एसीपी कैंट एवं शिवपुर थाना प्रभारी ने फोर्स के साथ उदय प्रताप कॉलेज, भोजूबीर, गिलट बाजार, कचहरी चौराहे पर पैदल गश्त किया।

डीसीपी वरुणा जोन श्याम नारायण सिंह, एडीसीपी वरुणाजोन, थाना प्रभारी लालपुर पांडेयपुर ने फोेर्स के साथ पांडेयपुर, खजूरी, ताड़ीखाना तिराहा सहित आसपास के इलाकों में गश्त किया।

गौरतलब हो कि सीएए के लागू होते ही प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी अफसरों को अलर्ट किया है। सोशल मीडिया में भड़काऊ, आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी डीजीपी मुख्यालय से निगरानी हो रही है।

सीएए के विरुद्ध असम में व्यापक प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू किए जाने को लेकर कांग्रेस द्वारा तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। जहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आज इस बाबत धरना दिया गया। वहीं, पार्टी के नेताओं ने इसके विरुद्ध जमकर बयानबाजी की।

इस संदर्भ में एक बयान के जरिए असम विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता देवब्रत सैकिया ने कहा कि आज भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने असम और असमिया लोगों के हितों के खिलाफ नागरिकता संशोधन कानून “सीएए” लागू किया है। जबकि, असम के लोग लंबे समय से इस कानून के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, बावजूद इसके आज सरकार ने भाजपा के राजनीतिक लाभ के लिए हम सभी पर यह कानून थोपा है।

ज्ञात हो कि राज्य के विपक्षी दलों द्वारा इस कानून के विरोध में लगातार आवाज उठाए जा रहा है। एआईयूडीएफ पहले से ही इस कानून का विरोध कर रही है। वहीं, असम छात्र संघ (आसू) द्वारा इसको लेकर बीते कई दिनों से राज्य के अलग-अलग जिलों में धरना दिया जा रहा है। वहीं, ऑल असम युवा छात्र परिषद (अजायुछाप) द्वारा भी इस कानून के विरोध में बाइक रैली तथा अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

इसी बीच मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा लगातार कहते रहे हैं कि इस कानून को लेकर जिसे आपत्ति है उसे उच्चतम् न्यायालय में जाकर इसको चुनौती देनी चाहिए, न कि सड़कों पर आंदोलन करके राज्य में जारी विकास कार्यों को बाधित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा बंद आयोजित करने की मनाही है। फिर भी यदि बंद का आयोजन विपक्षी दलों द्वारा किया जाता है तो वे चुनाव आयोग को लिखेंगे कि इन राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द कर दी जाए। देखना यह है कि इस कानून के लागू हो जाने के बाद राज्य की राजनीति क्या रुख अख्तियार करती है।

असम विरोधी एक्य मंच ने राज्य भर में लोकतांत्रिक प्रतिरोध का किया आह्वान

असम के विपक्षी एकता मंच ने असम के लोगों से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को अन्यायपूर्ण तरीके से लागू करने के लिए भाजपा और केंद्र सरकार की निंदा करने के लिए 12 मार्च को राज्य भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है।

राज्य के कांग्रेस नेतृत्वाधीन 16 विरोधी एकता मंच ने आज एक बयान में यह स्पष्ट कर दिया कि असम के लोग अब विदेशियों का बोझ नहीं उठा सकते। विपक्षी एकता मंच ने वकालत की कि इस मुद्दे को 1971 के असम समझौते के अनुसार हल किया जाना चाहिए।

बयान में कहा गया है कि ”हमने बार-बार कहा है कि असम के लोग किसी भी परिस्थिति में सीएए को स्वीकार नहीं करेंगे और असम के लोग इसके लिए पूरी तरह से हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। ‘सीएए’ असमिया जाति के भविष्य को नष्ट कर देगा। वे असम की भाषा, साहित्य, संस्कृति आदि को खतरे में डाल देंगे। असमिया जाति के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। सीएए असम समझौते की मूल भावना को ठेस पहुंचाएगा।”

विपक्षी एकता मंच ने कहा कि वह असम में ऐसे जाति-विनाशक और असंवैधानिक कानून के कार्यान्वयन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। आज एक बयान में, विपक्षी एकता मंच के अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा और महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने असम की सभी जातियों, जनजातियों, सभी दलों और संगठनों से इसके खिलाफ चौतरफा हड़ताल शुरू करने की अपील की।

विपक्षी एकता मंच के अध्यक्ष और सचिव ने प्रत्येक पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से राज्य भर में सीएए के खिलाफ एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रतिरोध बनाने का भी आह्वान किया।

इस खबर को भी पढ़ेंः-पाकिस्तान की प्रथम महिला बनेंगी राष्ट्रपति जरदारी की बेटी आसिफा भुट्टो

Share this news

About admin

Check Also

जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाला सोरेन परिवार, भाजपा दे रही सक्षम आदिवासी नेतृत्व : विष्णु देव साय

रांची। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *