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दो साल गंगा नदी के लिए करेंगी कार्य
भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। भाजपा की पहली सूची में उनका नाम नहीं होने के बाद चल रही तमाम बातों पर विराम लगाते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर लिया था। अब वह दो साल गंगा के लिए देना चाहती हैं।
उमा भारती ने गुरुवार को भोपाल स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही 22 जनवरी को अयोध्या में वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद ही दो साल तक कोई चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया था। इसके पीछे उन्होंने कारण दिया कि अगर लोकसभा चुनाव लड़ती हूं तो अपने संसदीय क्षेत्र में व्यस्त हो जाऊंगी और गंगा नदी का काम अधूरा रह जाएगा। इसके लिए उन्होंने निर्णय लिया है कि वे इन दो सालों में गंगा नदी के लिए कार्य करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय से उन्होंने 24 फरवरी को ही राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को अवगत करा दिया था। मैं चाहती हूं कि भाजपा मेरे इस निर्णय के बारे में बताए। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हूं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को मेरे चुनाव न लड़ने के निर्णय को सार्वजनिक करना चाहिए। बता दें कि चुनाव न लड़ने को लेकर उमा भारती ने पांच मार्च को जेपी नड्डा को पत्र लिखा था।
उमा भारती ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का लोकसभा चुनाव में टिकट कट गया है। उन्होंने हमारे लिए बहुत यातनाएं सही। ऐसी दीदी मां का टिकट कटा है, मैं उनसे कहूंगी कि वे हम सब को क्षमा करें। उन्होंने यह भी कहा कि वे मैं भाजपा कभी नहीं छोडूंगी। उन्होंने मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उम्र में भले ही छोटी हूं लेकिन पार्टी में वरिष्ठ हूं। मुझे स्टार प्रचारक बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। क्योंकि मैं स्वयं ही सुपर स्टार हूं। उन्होंने कमलनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि कमलनाथ शानदार आदमी है। जब उनकी सरकार गिरी तो मैं कमल नाथ से मिलने गई थी, उनसे मैंने कहा था कि ऐसे उतार चढ़ाव आते रहते हैं आप चिंता मत करो।
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