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भारत और केन्या के बीच पांच करार पर हस्ताक्षर, प्रधानमंत्री बोले अफ्रीका के साथ सहयोग मिशन मोड पर

नई दिल्ली। भारत और केन्या के बीच मंगवार को शिक्षा, संस्कृति और अन्य क्षत्रों से जुड़े पांच करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं। कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए भारत केन्या को 250 मिलियन डॉलर का ऋण देगा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की विदेश नीति में अफ्रीका को हमेशा उच्च प्राथमिकता दी गई है। पिछले लगभग एक दशक में हमने मिशन मोड में अफ्रीका के साथ अपना सहयोग बढ़ाया है।

केन्या के राष्ट्रपति डॉ. विलियम समोई रुतो तीन दिवसीय यात्रा पर कल नई दिल्ली पहुंचे थे। भारत की राजकीय यात्रा पर आए समोई रुतो ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।

वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और केन्या के बीच आपसी व्यापार और निवेश में लगातार प्रगति हो रही है। उन्हें ख़ुशी है कि केन्या ने ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन से जुड़ने का निर्णय लिया है। साथ ही केन्या द्वारा लिये गए इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस से जुड़ने के निर्णय से हम बिग कैट के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयासों को सशक्त कर सकेंगे। भारत और केन्या एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती है। इस संबंध में हमने आतंकवाद विरोधी अभियानों में आपसी सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में हमारा बढ़ता सहयोग हमारे आपसी विश्वास और साझा हितों का प्रतीक है। आज की चर्चा में हमने सैन्य अभ्यास क्षमता निर्माण के अलावा दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को जोड़ने पर भी जोर दिया। हमने जन कल्याण के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर भी चर्चा की। दो कृषि प्रधान अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हम अपने अनुभव साझा करने पर सहमत हुए। केन्या के कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए हम 250 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट देने पर सहमत हुए हैं। हम डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में केन्या के साथ भारत की उपलब्धियों को साझा करने के लिए तैयार हैं।

केन्या के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सोमालिया और सूडान के हालात पर प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की है। केन्या में 70 प्रतिशत स्वास्थ्य वस्तुओं का मूल भारत में है। हम साझेदारी और समर्थन की सराहना करते हैं और हमने चर्चा की है कि हम केन्या में इनमें से कुछ वस्तुओं का निर्माण कैसे शुरू कर सकते हैं। यह पारस्परिक रूप से लाभप्रद होगा। उन्होंने कहा कि केन्या से बहुत से लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारत आते हैं। हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि हम केन्या में अपने स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच संबंध बढ़ाने जा रहे हैं। हमने भारत सरकार से केन्याई पेशेवरों, नर्सों के लघु पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश पर विचार करने का अनुरोध किया है।

केन्या के राष्ट्रपति ने कहा कि हम आज समुद्री सहयोग पर एक संयुक्त दृष्टिकोण वक्तव्य जारी कर रहे हैं। भारत और केन्या के बीच घनिष्ठ सहयोग से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे सभी प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। हमने चर्चा की है कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक हमारे कृषि वित्त निगम के साथ किसानों को ऋण प्रदान करने में कैसे काम करेगा ताकि हम खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपट सकें।

दोनों नेताओं की बैठक की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, विकास साझेदारी, रक्षा, सुरक्षा, संस्कृति और लोगों से लोगों के बीच संपर्क सहित संपूर्ण द्विपक्षीय सहयोग का जायजा लिया। उन्होंने दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि और भलाई के लिए सहयोग के नए क्षेत्रों का उपयोग करने की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में केन्या के राष्ट्रपति डॉ विलियम समोई रुतो का औपचारिक स्वागत किया। केन्या के राष्ट्रपति ने सुबह राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित की और महात्मा गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
साभार -हिस

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