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राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं, उत्तराखंड के परिश्रमी लोगों ने विकास और प्रगति के नूतन शिखरों पर जमाए हैं अपने कदम

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बतौर मुख्य अतिथि ली परेड की सलामी

  • पुलिस लाइन देहरादून में राज्य स्थापना दिवस का हुआ भव्य कार्यक्रम

देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि नई पहचान के साथ उत्तराखंड के परिश्रमी लोगों ने राज्य के लिए विकास और प्रगति के नित-नूतन शिखरों पर अपने कदम जमाए हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। इससे पूर्व राष्ट्रपति ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।

राष्ट्रपति मुर्मू ने गुरुवार को उत्तराखंड के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि यह बातें कहीं और इसके लिए समस्त उत्तराखंड वासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली और गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन धरती ‘देवी-भूमि’ भी है। यह क्षेत्र ‘जय महा-काली’ और ‘जय बदरी-विशाल’ के पवित्र उद्घोष से गुंजायमान रहता है। उन्होंने कहा कि हेमकुन्ड साहिब और नानक-मत्ता से निकले गुरबानी के स्वर यहां के वातावरण को पावन बनाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर के महीने में मुझे उत्तराखंड की यात्रा करने का सु-अवसर मिला था। उत्तराखंड में आने का प्रत्येक अवसर तीर्थ-यात्रा का पुण्य प्राप्त करने की तरह होता है। उत्तराखंड की इस देव-भूमि से मैं सभी देशवासियों के लिए दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं और महा-लक्ष्मी से यह प्रार्थना करती हूं कि उत्तराखंड सहित समस्त भारत को वे धन-धान्य तथा सुख और आरोग्य से परिपूर्ण करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की अलग पहचान और स्थापना के लिए संघर्ष करने वाली स्वर्गीय सुशीला बलूनी को इस राज्य के सभी निवासी तो याद रखेंगे ही। नारी में संघर्ष की शक्ति के उदाहरण के रूप में उन्हें सभी देशवासी सदैव स्मरण करेंगे। सुशीला बलूनी का अदम्य साहस यहां की महिलाओं की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप था। बिशनी देवी शाह ने स्वाधीनता संग्राम के दौरान अपने असाधारण साहस का परिचय दिया था। माउंट एवरेस्ट पर हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली प्रथम महिला बछेन्द्री पाल और पेड़ों को बचाने के लिए युद्ध-स्तर पर संघर्ष करने वाली गौरा देवी जैसी उत्तराखंड की महिलाओं ने पूरे देश के लिए आदर्श प्रस्तुत किए हैं। हाल ही में उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया ने एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं ने उत्तराखंड की संस्कृति को मजबूत बनाया है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को अनुमति प्रदान करते समय मुझे विशेष प्रसन्नता हुई थी क्योंकि यह अधिनियम उत्तराखंड सहित हमारे देश की बहनों और बेटियों के लिए राष्ट्र-निर्माण में उच्च-स्तरीय योगदान देने हेतु मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि वीर-प्रसवा रही है। स्वाधीनता के बाद के सभी युद्धों में उत्तराखंड के वीरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं उन सभी वीरों और वीर-भूमि उत्तराखंड को नमन करती हूं।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में शामिल होकर भारत-माता की रक्षा करने में यहां के युवा गर्व की अनुभूति करते हैं। राष्ट्र की रक्षा के प्रति उत्साह का यह भाव सभी देशवासियों के लिए अनुकरणीय है। हमारी थल सेना के दो रेजीमेंट्स कुमाऊं रेजीमेंट एवं गढ़वाल रेजीमेंट का नाम उत्तराखंड के क्षेत्रों के आधार पर रखा गया है। यह उत्तराखंड की शौर्य परंपरा को रेखांकित करता है। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ बिपिन रावत इसी धरती के सपूत थे। हमारे वर्तमान चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल अनिल चौहान जी उत्तराखंड के ही निवासी हैं।

निरंतर बढ़ाई जा रही उत्तराखंड की फिजिकल एवं डिजिटल कनेक्टिविटी : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की फिजिकल एवं डिजिटल कनेक्टिविटी निरंतर बढ़ाई जा रही है। भारत की अध्यक्षता में हुए जी 20 से जुड़ी गतिविधियों के क्रम में जी 20 के इन्फ्रस्ट्राक्चर की एक बैठक ऋषिकेश में हुई थी। उसमें विश्व-स्तरीय इन्फ्रस्ट्राक्चर के निर्माण से जुड़ी सार्थक चर्चाएं हुईं। उत्तराखंड में इन्फ्रस्ट्राक्चर डेवपलपमेंट तेज गति से हो रहा है। साथ ही, आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तराखंड में हो रही बहु-आयामी प्रगति से निवेशकों में उत्साह बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि दिसंबर में देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। इस जानकारी से मुझे प्रसन्नता हुई है कि पिछले सप्ताह तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी के लिए आयोजित रोड शो में 81,500 करोड़ रुपए से अधिक के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जा चुके थे और इस राशि में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। निवेशकों में उत्तराखंड के प्रति बढ़ते उत्साह को कार्यरूप देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि उत्तराखंड के विकास में ईकोलॉजी एवं इकॉनॉमी दोनों पर ज़ोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार का ग्रॉस इन्वायरमेंट प्रॉडक्ट यानी जीईपी का आकलन करने की पहल सराहनीय है। प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण इस राज्य में स्टेट जीडीपी के साथ साथ स्टेट जीईपी पर ध्यान देने से सतत विकास को बल मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उत्तराखंड के निरंतर विकास के लिए राज्य के सभी निवासियों को शुभकामनाएं देती हूं। राज्य के विकास को राज्यपाल के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री के सक्रिय नेतृत्व से दिशा और शक्ति प्राप्त हो रही है। इसके लिए उन्होंने दोनों की तथा राज्य सरकार की पूरी टीम की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा विश्वासं के विशेष आशीर्वाद से समृद्ध इस पावन भूमि के निवासी-गण सुख, समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक अवश्य पहुंचेंगे।

हम डिजिटल क्रांति के युग में आगे बढ़ रहे हैं : राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि हम डिजिटल क्रांति के युग में आगे बढ़ रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है इस दिशा में नई से नई टेक्नोलॉजी को सुरक्षा उपायों में शामिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। सरकार पारदर्शी और प्रोएक्टिव पुलिसिंग को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। महिला सुरक्षा, बालिका सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए अपराधों पर नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड विकास के कई पैमानों पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की इस पवित्र धरती पर देश-विदेश के कोने-कोने से लोग यात्रा करने आते हैं। आदि कैलाश और जागेश्वर धाम में प्रधानमंत्री के भ्रमण से मानसखंड क्षेत्र को देश और दुनिया में एक नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि सीमांत गांव हमारे देश के पहले गांव बन गये हैं इनका इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड आर्थिक प्रगति की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड राज्य की विकास दर और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि विकास का समान लाभ गरीबों वंचितों किसानों और उत्तराखंड के दूर-दराज के क्षेत्रों में रह रही माताओं, बहनों, युवाओं, किसानों, व्यापारियों तक पहुंचे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस पावन अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का भी स्मरण करना आवश्यक है, जिनके प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखंड राज्य का स्वप्न साकार हुआ था। यह हमारा कर्तव्य है कि स्वर्गीय अटल के पुष्पित और पल्लवित इस युवा उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ निरंतर प्रयासरत रहें।

राष्ट्रपति का जीवन अत्यंत कठिन, संघर्ष और अदम्य साहस से परिपूर्ण-

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रपति का अत्यंत कठिन जीवन संघर्ष, आपका अदम्य साहस और प्रेरणास्पद राजनीतिक यात्रा प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती है। राष्ट्रपति की जीवन यात्रा हम सबके लिए इसलिए भी प्रेरणादायी है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में आई समस्त कठिनाइयों को अपनी शक्ति बनाकर जीवन समर में विजय प्राप्त की। राष्ट्रपति भारतवर्ष के समस्त नागरिकों विशेष रूप से गरीबों, शोषितों और वंचितों के लिए आशा की किरण हैं, वे सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण का जीता जागता प्रतीक हैं। राष्ट्रपति सदैव ”सादा जीवन-उच्च विचार” के मूल मंत्र पर चलती रहीं और यही कारण है कि आज जन-जन के भीतर यही भाव है कि उनके बीच से निकली एक आम महिला देश कि प्रथम नागरिक है।

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की अहम उपलब्धियाें को-

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हमारी सरकार उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए दिन रात कार्य कर रही हैं। हमारी सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जनता के प्रति जवाबदेह है, भरोसेमंद है और अपने कार्य में दक्ष है। 23 वर्ष में पहली बार बहुत से काम हुए हैं। 23 वर्ष में पहली बार भर्तियों में घोटाले करने वालों पर कड़ी क़ानूनी कार्रवाई के लिए हमने नकल विरोधी कानून लागू किया है। 23 वर्ष में पहली बार धर्मांतरण रोकने के लिए कानून लागू किया गया है। 23 वर्ष में पहली बार उत्तराखंड में सामान नागरिक आचार संहिता कानून लागू करने के लिए तैयारी की जा रही है। 23 वर्ष में पहली बार प्रदेश की महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। 23 वर्ष में पहली बार भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई हो रही है। 23 वर्ष में पहली बार राजस्व पुलिस की जगह रेगुलर पुलिस की तैनाती की जा रही है। 23 वर्ष में पहली बार आपदा प्रबंधन पर विश्व स्तरीय कार्यक्रम उत्तराखंड में होने जा रहा है। 23 वर्ष में पहली बार उत्तराखंड, डेस्टिनेशन उत्तराखंड के रूप में निवेश का हब बनने जा रहा है। हमने जो मेहनत की है, वो आपके सामने है और हमारा संकल्प है कि हम इस प्रकार के कार्य करते रहेंगे। हमारी सरकार का एकमात्र लक्ष्य है-उत्तराखण्ड का विकास। हमारा एकमात्र ध्येय है-उत्तराखण्ड की प्रगति, अपने इस ध्येय की प्राप्ति के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ आपकी सेवा में जुटे हुए हैं।

मातृशक्ति के समग्र विकास के लिए महिला नीति” बनाई गई : धामी

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश की मातृशक्ति के समग्र विकास एवं सशक्तिकरण के उद्देश्य से हमने ”महिला नीति” बनाई गई है, जिसको शीघ्र ही लागू किया जाएगा। देवभूमि के भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु ”बाल श्रम उन्मूलन” के लिए समस्त विभागों के समन्वय के साथ एक विशिष्ट कार्ययोजना बनाई जाएगी। ड्रग फ्री उत्तराखंड के स्वप्न को साकार करने के लिए हम ”नशा मुक्त ग्राम” और ”नशा मुक्त शहर” की योजना लाएं हैं, ऐसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य निर्माण में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और महिलाएं हमारे राज्य की रीढ़ हैं। जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने हेतु ”मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह” योजना शुरू की जाएगी। जिला स्तर पर इस तरह के आयोजन किए जाएंगे और राज्य सरकार इसकी व्यवस्था करेगी।

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्य की चार विभूतियों को उत्तराखंड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। माधुरी बड़थ्वाल, बसंती बिष्ट, सचिदानन्द भारतीय और राजेन्द्र सिंह बिष्ट को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा हेतु उत्तराखंड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

पुलिस लाइन देहरादून में आयोजित राज्य स्थापना दिवस के भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।

साभार -हिस

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