नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के प्रमुख महानगर उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में जहरीली हवा का आपातकाल देखने को मिल रहा है। इस हवा ने फेफड़ों पर आपातकाल लागू कर दिया है। हवा इतनी खराब (जहरीली) हो गई है कि लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगी है। इससे दिल्लीवाले बेहाल हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शुक्रवार सुबह पांच बजे आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों मुताबिक दिल्ली में गंभीर श्रेणी के साथ एक्यूआई 459 बना हुआ है। नोएडा में यह स्तर 418 है। गाजियाबाद का एक्यूआई सुबह 363 दर्ज किया गया है। गुरुवार शाम पांच बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 402 था। इसे वायु गुणवत्ता सूचकांक का सबसे खतरनाक स्तर माना जाता है। आज सुबह यह इस स्तर को भी पार कर गया।
राष्ट्रीय राजधानी में तेजी से जहरीली हो रही हवा के बीच दिल्ली सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया। इसके तहत नर्सरी से लेकर कक्षा पांच तक के स्कूल दो दिन तक (तीन और चार नवंबर) बंद रहेंगे। हालांकि, शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि ऑनलाइन कक्षा जारी रहेंगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जहरीली हवा का आपातकाल को लेकर गुरुवार रात फैसले की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी। उधर, वैज्ञानिकों ने अगले दो सप्ताह में प्रदूषण और बढ़ने का अनुमान जताया है।
दिल्ली के 37 निगरानी स्टेशन में से कम से कम 18 में गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। पंजाबी बाग (439), द्वारका सेक्टर-8 (420), जहांगीरपुरी (403), रोहिणी (422), नरेला (422), वजीरपुर (406), बवाना (432), मुंडका (439), आनंद विहार (452) और न्यू मोती बाग (406) सहित शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 के बीच को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।