नई दिल्ली। सस्टेनेबल एन्वायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) की सह-संस्थापक डॉ मनु गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण जनित आपदाओं की संख्या में पूरी दुनिया में बढोतरी हुई है। ऐसे में अगर समय से पहले हमारी तैयारी अच्छी हो तो प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
सीड्स आपदा प्रभावित क्षेत्र में लोगों के साथ मिलकर समय से पहले प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयारी करता है। हम प्रभावित क्षेत्रों में कई तरह के जागरुकता कार्यक्रम करते हैं और लोगों को समय से पहले आगाह करते हैं।
गुप्ता ने शुक्रवार को संस्थान की ओर से दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीड्स ऐसे समाज सेवी संस्थानों को प्रोत्साहित करता रहा है जो अपने स्तर पर समाज कार्य में लगे हैं। उन्होंने कहा कि सीड्स ने अपनी पहल ‘फ्लिप द नोशन‘ के जरिए जमीनी स्तर के 11 नवोन्मेषकों (इनोवेटर्स) की पहचान कर उन्हें समुदाय प्रेरित फ्रेमवर्क से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस पहल के अंतर्गत नवोन्मेष के जरिए जलवायु परिवर्तन से निपटने पर जोर दिया जाएगा।
गुप्ता ने कहा कि सीड्स आपदाओं से प्रभावित होने की आशंका वाले समुदायों को जागरुक कर उन्हें चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करता है। हाइपर-लोकल रेजिलिएंस इकोसिस्टम तैयार करने के परिप्रेक्ष्य में हमारा लक्ष्य 2030 तक, भारत में 225 हॉटस्पॉट्स में सेवाएं प्रदान करने का है और इस तरह हम 315 मिलियन जिंदगियों तक पहुंचेंगे। सीड्स आपदाओं के जीवनचक्रों जैसे कि त्वरित प्रतिक्रिया, राहत, पुनर्वास, और तैयारियों आदि के स्तर पर समुदायों, सरकारों एवं बदलाव लाने वाले एजेंटों के साथ मिलकर काम कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों के दौरान,सीड्स ने 45 से अधिक आपदाओं में अपना योगदान दिया है और व्यक्तियों की मदद से संचालित कायर्क्रमों के जरिए, 100 से अधिक स्कूलों, 60,000 से ज्यादा घरों व करीब 25 स्वास्थ्य सुविधाओं, 110 से ज्यादा सैनिटेशन यूनिटों का निर्माण किया है।