भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद पहली सूची में अपने 144 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उनके कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात लिखी हुई है। हालांकि, उनका यह पत्र फर्जी निकला। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा झूठ बोलने में माहिर है। इस झूठ की मैं पुलिस में शिकायत दर्ज कर रहा हूं।
सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हुआ है, उसमें लिखा है कि अपने पांच दशक के राजनीतिक सफर में कई अनुभव मुझे कांग्रेस में रहते हुए मिले। एक साधारण कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर मैंने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए तय किया। पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय महासचिव से लेकर राज्यसभा सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पद तक पहुंचाने का काम किया, जिसके लिए मैं आजीवन आभारी रहूंगा। लेकिन गत कुछ महीनों से शीर्ष नेतृत्व का निष्ठावान कार्यकर्ताओं के प्रति निराशा, नीति और नेतृत्व में उदासीनता देखकर मैं आहत हूं। मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता केंद्रित दल न होकर अब विशेष नेता केन्द्रित हो गई है। जिसकी वजह से खुद को असहज पा रहा हूं।
पत्र में आगे लिखा है कि मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के चयन में मेरे द्वारा दिए गए नामों पर विचार नहीं किया गया है। निष्ठावान कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दिए जाने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। मैं अब एक ऐसे पड़ाव पर पहुंच गया हूं जहां मुझे लगता है कि मैं अब ऐसे अन्यायपूर्ण माहौल में नहीं रह सकता। मैं उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने वर्षों से मेरी विभिन्न पार्टी भूमिकाओं में मेरा समर्थन किया है। भारी मन से मैं पार्टी के साथ अपना जुड़ाव खत्म करने के अपने फैसले की घोषणा करता हूं। कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पद से इस्तीफा देता हूं। इसे स्वीकार करें।
इस पत्र के वायरल होने के बाद दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि भाजपा झूठ बोलने में माहिर है। मैंने 1971 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी। पद के लिए नहीं बल्कि विचारधारा से प्रभावित होकर जुड़ा था और जीवन की आखिरी सांस तक कांग्रेस में रहूंगा। इस झूठ की मैं पुलिस में शिकायत दर्ज कर रहा हूं।