नई दिल्ली, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में मछली खाद्य महोत्सव वीआरसी में 2000 से अधिक मछुआरों और महिलाओं, एफएफपीओ, उद्यमियों और अन्य हितधारकों की भौतिक भागीदारी के साथ सागर परिक्रमा के 10वें चरण का समापन हो गया। इस दौरान केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने वीआरसी ग्राउंड में मछली खाद्य महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख किया कि मछुआरों को लगभग 1.58 लाख किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) दिए गए हैं और देश के सभी मछुआरों को केसीसी प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
परषोत्तम रूपाला के नेतृत्व में सागर परिक्रमा के 10वें चरण की शुरुआत 13 अक्टूबर को चेन्नई बंदरगाह, तमिलनाडु से हुई थी। यह सागर परिक्रमा शनिवार को कृष्णापट्टनम, आंध्र प्रदेश पहुंच गया। इस दौरान रुपाला ने कृष्णापट्टनम में मछली पकड़ने वाले गांव रामनगर का दौरा किया व मछुआरों से बातचीत की।
इस माैके पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री रूपाला ने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र में आंध्र प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। काउंटी का लगभग 30 प्रतिशत मछली उत्पादन इस राज्य से आता है। यह 8000 किलोमीटर की तटीय रेखा को कवर करने वाले 3 करोड़ मछुआरों और परिवारों से संबंधित है। उन्होंने प्रदर्शनी में जीवित और प्राकृतिक मछली उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न उद्यमियों, एफएफपीओ, मछली किसानों के प्रयासों की भी सराहना की।
आंध्र प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री एस अप्पाला राजू ने अपने संबोधन के दौरान आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच अंतर-राज्य मछली पकड़ने के संघर्ष का मुद्दा भी उठाया और केंद्र सरकार से दोनों राज्यों के परामर्श से इस मुद्दे का समाधान करने का अनुरोध किया।
इस मौके पर रुपाला ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा यज्ञ के तहत आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में लाभार्थियों टी. रेणुका रेड्डी और वी. जय लक्ष्मी को दैनिक मछली कियोस्क और ए चंदना, वाई बलराम कृष्ण, एस. पद्मजा और ई. रामनैय्या को लाइव फिश वेंडिंग केंद्र भी सौंपे। बी चेन्नारायडू, के वासु, एम लक्ष्मी प्रसन्ना और बी अंकैया को जीवित मछली परिवहन वाहन व इंसुलेटेड वाहन भी सौंपे। इस मौके पर आंध्र प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री एस. अप्पलाराजू, संसद सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव, बीदा मस्तान राव, मत्स्य पालन आयुक्त, आंध्र प्रदेश, के. कन्ना बाबू उपस्थित थे।
साभार -हिस