उदयपुर, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांदे ने कहा है कि हिंदू समाज द्वारा दान किये धन का उपयोग हिन्दू समाज के हित में ही होना चाहिए, अहिन्दू कार्य के लिए नहीं।
परांदे शनिवार को उदयपुर में प्रेस से मुखातिब थे। शौर्य यात्रा के तहत उदयपुर आये परांदे ने हिंदू मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से बाहर कर समाज को सौंपने के विहिप के अभियान पर कहा कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश ने इसकी घोषणा की है। क्रियान्वयन की प्रक्रिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, वरिष्ठ अधिवक्ता और विषय विशेषज्ञ का एक थिंक टैंक बनाया गया है, जो मंदिरों को समाज के नियंत्रण में आने के बाद संचालन करने की व्यवस्था को सुगम करने के लिए प्रक्रिया का मॉड्यूल तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि किसी एक राज्य में मॉडल लागू होने के बाद ही स्थितियां स्पष्ट हो पाएंगी कि समाज के पास मंदिर आने के बाद उनका संचालन किस विधि से सरल हो सकेगा। थिंक टैंक तीन विषयों पर स्पष्ट हैं, जिसमें पहले यह विषय रहेगा कि हिंदू धन का उपयोग हिंदू हित कार्यों के लिए ही हो, दूसरा विषय यह है कि समाज के हर वर्ग की सहभागिता मंदिर संचालन में हो तथा तीसरा विषय यह रहेगा कि किसी भी तरह के न्यायिक विवाद को कैसे सुलझाया जाएगा।
हिंदू धर्म पर विवादित बयानों से सुर्खियां बटोरने के सवालों पर उन्होंने कहा कि मौजूदा मुद्दा तमिलनाडु का है, जहां सनातन पर आए विवादित बयान पर हिंदू समाज ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है। देश भर में कई जगह मामले भी दर्ज हुए हैं। विश्व हिंदू परिषद तमिलनाडु में बड़ा जागरण अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा कि अब समाज को यह सोचना होगा कि वह सत्ता किसके हाथों में सौंपना चाहता है। समाज को यह भी जानना चाहिए कि हिंदू हित में ही देश का हित है। सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वालों को समाज को ही जवाब देना होगा।
पाकिस्तान में हिंदू समाज की स्थिति के सवाल पर उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों के कारण की भारत सरकार सीएए लेकर आई। पाकिस्तान में हिंदुओं को सुरक्षा और सम्मान नहीं है। इसी कारण वहां से छोड़कर जैसलमेर के आसपास शरण लिए करीब साढ़े तीन हजार लोगों को विश्व हिंदू परिषद में अभियान चला कर नागरिकता दिलवाई है। इनमें ज्यादातर एससी-एसटी वर्ग के थे। परांदे ने कहा कि भारत में जय भीम जय भीम कहने वालों को पाकिस्तान के आचरण से सत्य को समझना चाहिए।
परांदे ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद ने इसी जन्माष्टमी पर अपने 60वें वर्ष में प्रवेश किया है। इस 60वें वर्ष में संगठन का लक्ष्य एक लाख गांव तक पहुंचने और मौजूदा 72 लाख हितचिंतकों की संख्या को एक करोड़ तक ले जाने का है। पूरे देश में शौर्य यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है, जिनके माध्यम से सरकारी नियंत्रण से मंदिरों की मुक्ति, हर राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून तथा गौ रक्षा कानून बनाने की मांग की जा रही है।
नवंबर में दीपावली से 15 दिन पहले तथा दीपावली के 15 दिन बाद तक पूरे देश में संत प्रवास करेंगे और सामाजिक समरसता, धर्मांतरण व कुटुंब प्रबोधन को लेकर अलख जगायेंगे। विश्व हिंदू परिषद की भावना यह है कि हिंदू समाज के सामने आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए हिंदू समाज स्वयं सशक्त हो। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जनवरी में अयोध्या में होने वाले श्री राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में श्री राम जन्मभूमि न्यास जो भी जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद को सौंपेगा, उसे परिषद निभाएगा।
साभार -हिस