-
महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं मसलन गर्भावस्था,मोनोपॉज आदि में भी फिजियोथेरेपी कारगर
-
फिजियोथेरेपी से कई तरह के दर्द को मिलता है तुरंत आराम
अररिया। भागदौड़ की जिंदगी और कार्यालय में लंबे समय तक सिटिंग व्यवस्था के तहत काम करने के कल्चर सहित वातानुकूलित कार्यालय में बैठे काम करने आदि से पोस्चर की समस्या उत्पन्न होती है।पीठ,कमर,गर्दन,कंधे,घुटने का दर्द,जोड़ों का दर्द,खेलकूद की चोटें,ऑपरेशन जैसी कई समस्याओं का निदान फिजियोथेरेपी से संभव है।हृदय,रक्त वाहिकाओं संबंधित तकलीफें,श्वास संबंधित समस्याओं का निदान भी फिजियोथेरेपी से संभव है।इसका दावा किया है जाने माने फिजियोथेरेपिस्ट डॉ सौम्या सिद्धार्थ ने।
उन्होंने बताया कि इनके अलावे महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं मसलन गर्भावस्था,मोनोपॉज आदि में भी फिजियोथेरेपी कारगर है।सर्जरी के बाद भी चिकित्सक फिजियोथेरेपी की सलाह मरीजों को देते हैं।ताकि मरीजों की मांसपेशियां ठीक तरीके से काम कर सके।उन्होंने बताया कि फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी विधा है,जिसके प्रयोग से कई जटिल बीमारियों को दूर किया जा सकता है।जागरूकता की कमी के कारण देश में बहुत कम लोग ही इसका फायदा ले पाते हैं।सबसे बड़ी बात फिजियोथेरेपी की विधा में किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं रहता है।अधिकतर लोगों की यह धारणा है कि केवल योग और कुछ एक्सरसाइज ही फिजियोथेरेपी होती है,लेकिन ऐसा नहीं होता है। फिजियोथेरेपी से कई तरह के दर्द को तुरंत आराम मिलता है लेकिन कुछ पुराने दर्दों में स्थाई परिणाम के लिए थोड़ा समय लगता है।चिकित्सक बीमारी के लक्षणों की जांच कर उसके अनुरूप व्यायाम उपकरणों की सहायता से निर्धारित करते हैं।इसके लिए मरीजों को कई दिनों तक चिकित्सक के देखरेख में व्यायाम करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि फिजियोथेरेपी का इलाज तभी कारगर साबित होता है,जिसका इसका पूरा कोर्स किया जाय।उन्होंने बताया कि हाल के रिपोर्ट में ओस्टियोअर्थराइटिस से ग्रसित घुटनों के इलाज में फिजियोथेरेपी आथ्रेस्कोपी सर्जरी जितनी ही कारगर है।घुटनों के दर्द से निजात पाने में सर्जरी के 80 फीसदी मामले फिजियोथेरेपी की कमी के कारण अच्छे परिणाम नहीं दे पाते हैं।
tweetराज्यसभा उपचुनाव में भाजपा के दिनेश शर्मा निर्विरोध निर्वाचित