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विहिप ने सात लाख से अधिक लोगों को भोजन पैकेट वितरित किया

  • अलग से लगभग एक लाख से अधिक परिवारों में सूखी भोजन सामग्री दी

  • देशभर में ढ़ाई हजार से अधिक स्थानों पर जारी है नियमित सेवा

  • पन्द्रह हजार से अधिक कार्यकर्ता लगे हुए हैं सेवा में

  • चालीस हजार से अधिक लोगों के बीच सेफ्टी मास्क तथा सैनिटाईजर की सामग्री वितरित

नई दिल्ली – गत मार्च माह से विद्यमान कोरोना महामारी का प्रकोप पूर्ण विश्व में अधिक प्रखरता से अनुभव हो रहा है। भारत में भी केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारें समाज को साथ में लेकर भगीरथ प्रयास इससे बचाव में कर रही है। विश्व हिंदू परिषद भी पिछले अनेक दिनों से अपने देशव्यापी संगठन के माध्यम से इस संकट की घड़ी में बड़े प्रमाण में राहत के कार्य में लगी हुई है।

26 मार्च से देश के प्रत्येक राज्य में हेल्पलाईन की सुविधा विहिप के माध्यम से प्रारंभ की गई है। मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब जैसे अनेक राज्यों में यह व्यवस्था जिलास्तर तक भी की गई है। कई हजार लोग उसके माध्यम से सेवा का लाभ ले रहे हैं। देशव्यापी आवश्यक लाकडाउन के कारण से समाज के आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह जानकारी विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिन्द पराण्डे ने दी. उन्होंने बताया कि दिनांक 02 अप्रैल तक प्राप्त जानकारी के अनुसार विहिप ने सात लाख से अधिक लोगों को भोजन पैकेट वितरित किया है तथा अलग से लगभग एक लाख से अधिक परिवारों में सूखी भोजन सामग्री दी है।

देशभर में ढ़ाई हजार से अधिक स्थानों पर समाज की नियमित सेवा (सोशियल डिसटेंसिंग जैसे सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए) चल रही है। पन्द्रह हजार से अधिक कार्यकर्ता इस सेवा में लगे हुए हैं। चालीस हजार से अधिक लोगों को सेफ्टी मास्क तथा सैनिटाईजर की सामग्री वितरित की गई है। बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था, काम करने वाले सुरक्षाकर्मी तथा सफाई कर्मचारियों के लिए भोजन, पानी की व्यवस्था, अनेक शहरों में कई अस्पतालों में सभी मरीजों के रोज की भोजन व्यवस्था ऐसे विविध प्रकार के कार्य समाज के अनेक मंदिर, सामाजिक, धार्मिक संस्थाएँ, गुरुद्वारे, देरासर (जैन मंदिर) इत्यादि के साथ मिलकर चल रहे हैं।

हरियाणा, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु जैसे अनेक राज्यों में हजारों प्रवासी मजदूरों को भोजन आदि की व्यवस्था अनेक दिनों तक की गई है। उपरोक्त सारे सेवा कार्य प्रतिदिन चल रहे हैं और इस आपदा के पूर्ण निराकरण तक विहिप द्वारा समाज के सहयोग से चलाए जायेंगे।

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