देहरादून। उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मैदानी क्षेत्रों में जलभराव से लोग परेशान हैं। पर्वतीय जनपदों में हो रहे भूस्खलन से रास्ते बंद हो गए हैं। जगह-जगह लोग फंस गए हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस-प्रसाशन की टीमें 24 घंटे राहत और बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। देररात से हो रही बरसात सोमवार सुबह थमी नहीं है।
जनपद रुद्रप्रयाग के रतूड़ा में दो व्यक्तियों के नवनिर्मित रेलवे टनल में फंसने की सूचना पर एसडीआरएफ अन्य राहत और बचाव टीमों की मेहनत रंग लगाई। टीमों ने पवन कुमार गुप्ता, निवासी झारखंड व रंजय कुमार मिश्रा, निवासी, बिहार को सकुशल रेस्क्यू कर लिया। ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला क्षेत्रान्तर्गत बैराज के पास एक वाहन के पलटने से एक महिला और दो बच्चे लापता हैं। इनकी तलाश में एसडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। जोगियाना, मोहनचट्टी में मलबा आने से एक परिवार के कई सदस्य दब गए हैं।
कांगड़ी श्यामपुर (हरिद्वार) में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास है। इस वजह से कांगड़ी गांव में गंगा किनारे की झोपड़ियां को खाली करवाया गया है। इस दौरान 70-80 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान (धर्मशाला सिंह साहब कांगड़ी) पर पहुंचाया गया। भोगपुर के पास एक कार सवार चार लोग नाले में फंस गए। स्थानीय पुलिस की सहायता से सभी को सुरक्षित निकाला गया। बाइक सवार दो लोगों को भी रेस्क्यू किया गया।
देहरादून जिले के ऋषिकेश में खारा स्रोत के पास जलभराव से कुछ घरों में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। ऋषिकेश में गली नंबर- 11 गीता नगर, आईडीपीएल गेट के पास कुछ मकानों में जलभराव हो गया। यहां निवासरत परिवारों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। आमबाग, ऋषिकेश में गर्भवती महिला चांदनी देवी मूल निवासी देवबंद के पानी में फंसे होने की सूचना पर एसडीआरएफ टीम ने उसे बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।