नई दिल्ली, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मणिपुर हिंसा में बर्बरता की शिकार हुई महिलाओं और उनके परिजनों से मुलाकात की। इसकी जानकारी स्वाति ने ट्विटर पर साझा की है। स्वाति ने लिखा है, ”मणिपुर की जिन दो बेटियों के साथ बर्बरता की गई, मैं उनके परिवारों से मिली। एक लड़की के पति ने फौजी रहते हुए देश की सीमाओं की रक्षा की।उन्होंने मुझे बोला कि अब तक उनसे मिलने तक कोई नहीं आया है, मैं उनके पास पहुँचने वाली पहली हूं। दूसरी लड़की की मां से भी मुलाक़ात हुई। जब मैं यहां बिना सुरक्षा पहुंच सकती हूं तो अब तक सीएम या बाक़ी प्रशासन क्यों नहीं आया।”
स्वाति ने अगले ट्वीट में वीडियो साझा कर लिखा है, ”मणिपुर की बर्बरता की पीड़ित बेटियों के परिवार से मिली… इनके ये आंसू बहुत दिन तक सोने नहीं देंगे। अब तक इनसे कोई मिलने तक नहीं आया।”
वीडियो में स्वाति मालीवाल पीड़िता को गले लगाकर ढांढस बंधाते हुए दिख रही हैं।
स्वाति ने कहा कि जिस लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ, उसकी मां ने बताया कि घटना के दौरान उसके पिता और भाई उसको बचाने के लिए गए थे लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। जिस महिला को नग्न कर घुमाया गया और छेड़छाड़ की गई, उसके पति ने देश के लिए कारगिल युद्ध लड़ा है। उन्होंने बताया कि पीड़िता गहरे सदमे में हैं। परिजनों ने बताया कि आज तक न तो मुख्यमंत्री, न ही किसी कैबिनेट मंत्री और न ही राज्य के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने उनसे मिलने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक सरकार से कोई परामर्श, कानूनी सहायता या मुआवजा नहीं मिला है। वे इस बात से नाराज थे कि उनके मामले में किसी भी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्वाति ने दोनों पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि वे अकेले नहीं हैं। जरूरत की घड़ी में पूरा देश उनके साथ है।
इसके अलावा स्वाति मालीवाल मादीपुर में राहत शिविरों में भी गईं और अन्य हिंसा प्रभावित महिलाओं से मुलाकात की। स्वाति ने कहा, ”ये तीन दिन मेरे लिए बेहद कठिन रहे। मुझे मणिपुर में प्रवेश करने के लिए सरकार द्वारा किसी भी सहायता से इनकार कर दिया गया था फिर भी मैं व्यक्तिगत जोखिम पर यहां आई। वायरल वीडियो ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया और मैं हर कीमत पर पीड़ित लोगों से मिलना चाहती थी।”
साभार -हिस