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मणिपुर हिंसा: ज्योति सक्सेना कहती है, ‘हमारे देश में महिलाएं वास्तव में कब सुरक्षित होंगी?’

  • मणिपुर हिंसा पर ज्योति सक्सेना कहती हैं, ”हम एक बार फिर मानवता और एकता पर गर्व से असफल हो गए.”

ऐसी दुनिया में जहां टेक्नोलॉजी ने हमें पहले की तरह जोड़ा है, सोशल मीडिया  के पावर को अब हम इगनोर और उसको शक्ति को काम नहीं समझ सकते|  जहां कुछ वीडियो खुशी और सकारात्मकता लाते हैं, वहीं कुछ एक दम ज़्यादा मन हो दहला देने वाले होते है जो शोषण और अपमान को लेके होते है, जिससे उन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। महिला अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए अपनी मजबूत राय रखने के लिए जानी जाने वाली अभिनेत्री ज्योति सक्सेना ने हाल ही में भारत के मणिपुर में हुए महिलाओं के नेकेड परेड को दर्शाने वाले एक वायरल वीडियो को देखकर सदमे और घृणा की गहरी भावना व्यक्त की है।

हिंसाग्रस्त मणिपुर से दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाने और फिर उनके साथ सामूहिक बलात्कार करने का भयावह वीडियो बुधवार रात देश भर में फैल गया, जिससे सोशल मीडिया पर जनता ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और इस बात पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए अभिनेत्री ज्योति सक्सेना कहती है, “मैं मणिपुर का वीडियो देखा और में बहुत ही ज़्यादा बुरी तरीके से हिल और परेशान हो गई हु, यह वीडियो महिलाओं के साथ सबसे घृणित और अमानवीय व्यवहार को दर्शाता है। मेरा दिल उन पीड़ितों के साथ है, जिन्हें उनकी गरिमा के इस घोर उल्लंघन का सामना करना पड़ा। हम भारत जैसे देश में रहते हैं, जहां इस तरह की दुखद और घृणित घटना को सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शकों को अवगत कराया जाता है और राज्य का कोई भी व्यक्ति मजबूती से खड़ा होना और अपनी आवाज उठाना नहीं चाहता है। हमारे देश में महिलाएं वास्तव में कब सुरक्षित होंगी और एक आज़ाद के रूप में रहेंगी?”

वह आगे कहती हैं, “हम एक बार फिर मानवता और एकता पर गर्व से असफल हो गए हैं। लेकिन मैं वास्तव में आशा और प्रार्थना करती हूं कि अब से हम सभी के लिए ऐसे जघन्य कृत्यों के खिलाफ एकजुट होना और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करना आवश्यक होना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि जिम्मेदार लोगों को इतनी कड़ी सजा मिलेगी कि कोई भी फिर से इस तरह के घृणित कृत्य को  अंजाम देने के बारे में कभी नहीं सोचेगा।”

राज्य में 3 मई को ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान जातीय झड़पें हुईं। यह रैली मेइती लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में कुकियों द्वारा आयोजित की गई थी।

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