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मथुरा में 45 साल बाद बाढ़ का दिखाई दिया रौद्ररूप, चहुंओर भयावह मंजर

  • यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंचा, 52 कॉलोनियां जलमग्न

  • एनडीआरएफ ने निकाले अब तक 500 लोग पानी से सुरक्षित बाहर

मथुरा। मथुरा में 45 साल बाद बाढ़ को भयाभय जैसा मंजर चहुंओर दिखाई दे रहा है। मथुरा में सोमवार यमुना डेंजर लेवल से एक मीटर ऊपर बह रही है। सड़कें पानी से लबालब हो चुकी हैं, इससे 52 कॉलोनियों में पानी भर गया है। यही नहीं, पानी मंदिरों तक पहुंच गया है। इसके चलते नदी के आस-पास के कई मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं।

एनडीआरएफ ने अब तक 500 लोगों को सुरक्षित राहत शिविर में पहुंचाया है। इसके अलावा अभी भी बहुत सारे लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। लोग छतों पर रात काट रहे हैं। वहीं बाढ़ के पानी में डूबने से मथुरा में एक शख्स जितेंद्र की मौत हो गई है। वो घर के बाद भरे पानी में ही डूब गया।

गौरतलब है कि एक तरफ यमुना में आई बाढ़ से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ ब्रजवासी यमुना के इस स्वरूप को देखकर श्रद्धा से सराबोर हैं। वृंदावन के ज्ञान गुदड़ी में यमुना का पानी पहुंचने पर पूजा-अर्चना की गई। यमुना ने सबसे पहले केशीघाट पर बने प्राचीन यमुना मंदिर में प्रवेश किया। इसके बाद वहां बने हनुमान मंदिर में भी यमुना का पानी पहुंच गया। पूजन के बाद यहां कपाट बंद कर दिए गए हैं। इसके बाद यमुना का जल कालिदह मंदिर पर भी पहुंच गया।

यमुना मथुरा में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। दिल्ली में कोहराम मचाने वाली यमुना नदी का पानी अब शहर के अंदर आ चुका है। मथुरा-वृंदावन की 45 से ज्यादा कॉलोनी में केवल यमुना का पानी नजर आ रहा है। वृंदावन का आधे से ज्यादा परिक्रमा मार्ग पानी में डूबा हुआ है। मथुरा में खतरे का निशान 166 मीटर है, यहां यमुना अब 167 मीटर के करीब बह रही है। रिहायशी इलाकों में पानी घुसा तो घरों में रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने खुद ही राहत शिविर का रुख कर लिया है। मगर कई ऐसे लोग हैं जो घरों की छतों पर ही रह रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत साफ पानी और भोजन की है। अब तक राहत शिविर में 500 से ज्यादा लोग पहुंचाए जा चुके हैं।

जिलाधिकारी पुलकित खरे सोमवार को बाढ़ राहत शिविर केंद्र पहुंचे। बाढ़ पीड़ितों के बीच जमीन पर बैठकर उन्होंने बात की। डीएम ने एक केंद्र के लिए एक डिप्टी कलेक्टर को नोडल अधिकारी बना दिया है। ताकि लोगों को साफ पानी और भोजन मुहैया कराया जा सके।

बाढ़ के पानी में डूबने से एक युवक की मौत

मथुरा में बाढ़ के पानी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई। आगरा के अछनेरा का रहने वाला 35 वर्षीय जितेंद्र उर्फ जीतू पिछले आठ वर्ष से वृंदावन में रह रहा था। जीतू रविवार को मकान और आसपास पानी आने पर यमुना में नहाने चला गया। घर से कुछ दूर चलने पर ही पानी का तेज बहाव होने के चलते बैलेंस बिगड़ गया और वह गिर गया। जीतू के गिरते ही मौके पर मौजूद लोग उसे बचाने दौड़े। किसी तरह जीतू को पानी से निकाला, लेकिन उसकी मौत हो गई थी।

पोस्ट – इण्डो एशियन टाइम्स
सभार – हिस

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