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चक्रवात की प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य के कच्छ एवं बनासकांठा जिलों के प्रभावितों के लिए राहत पैकेज
गांधीनगर/अहमदाबाद। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में गुजरात में हाल ही में आए चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के कारण कृषि और बागवानी फसलों को हुए व्यापक नुकसान से किसानों को उबारने के उद्देश्य से सर्वग्राही समीक्षा कर 240 करोड़ रुपये के राहत-सहायता पैकेज की घोषणा की गई है।
कृषि मंत्री राघवजीभाई पटेल ने कहा कि राज्य में इस वर्ष जून महीने में आए चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के कारण कृषि और बागवानी फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। चक्रवात से मुख्य रूप से कच्छ और बनासकांठा जिले प्रभावित हुए हैं। कच्छ और बनासकांठा जिले में एक अनुमान के अनुसार 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि और बागवानी फसलें प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा, बड़ी संख्या में फलदार पेड़ धराशायी होने के कारण आंशिक या संपूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि चक्रवात प्रभावित इन जिलों में कुल 311 टीमों ने तत्काल सर्वे का कामकाज शुरू किया था। राज्य सरकार ने इस चक्रवाती तूफान से सर्वाधिक प्रभावित कच्छ और बनासकांठा जिले के किसानों की सहायता के लिए लगभग 240 करोड़ रुपये की भारी धनराशि के चक्रवात कृषि राहत पैकेज का एलान किया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विशेष सहानुभूति और उदारता दिखाते हुए इस पैकेज में पहली बार सहायता के मानदंडों में भारी वृद्धि करने का किसान हितकारी निर्णय किया है।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि बागवानी फसलों-फलदार पेड़ों के गिरने से हुए नुकसान के मामले में सहायता के लिए राज्य सरकार ने पहली बार उदार नीति दिखाते हुए बहुवर्षीय बागवनी फसलों के 10 से 33 फीसदी तक पेड़ों के उखड़ जाने या गिरने या नष्ट होने पर विशेष मामले में राज्य कोष से 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता घोषित की गई है।
उन्होंने कहा कि बहुवर्षीय बागवानी फसलों के 33 फीसदी या उससे अधिक पेड़ उखड़ने या गिरने या नष्ट होने पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के मानदंडों के अनुसार प्रति हेक्टेयर देय 22,500 रुपये की सहायता के अलावा विशेष मामले में राज्य कोष से प्रति हेक्टेयर 1,02,500 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। इस तरह कुल 1,25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रति खाता अधिकतम 2 हेक्टेयर की सीमा में सहायता घोषित की गई है। एसडीआरएफ के सिवाय सहायता की रकम में यह अब तक की सर्वोच्च वृद्धि है। यह सहायता प्रति खाता (ग्राम नमूना नं. 8/अ के अनुसार) अधिकतम 2 हेक्टेयर की सीमा में देय होगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से किए गए फसल नुकसान सर्वे में 33 फीसदी या उससे अधिक नुकसान पाए जाने पर तथा बागवानी-फलदार पेड़ के उखड़ने के मामले में 10 फीसदी या उससे अधिक नुकसान पाए जाने पर केवल ऐसे सर्वे नंबर वाले किसान खातेदार को ही इस सहायता पैकेज का लाभ मिलेगा, जिनका नाम ग्राम स्तर की सर्वे सूची में शामिल है। ग्राम स्तर की सर्वे सूची में शामिल किसान खातेदारों को इस पैकेज का लाभ लेने के लिए निर्धारित नमूने में तालुका विकास अधिकारी को आवेदन करना होगा।
उन्होंने कहा कि तहसील स्तर पर ग्रामवार सर्वे की सूची विस्तार अधिकारी (खेती) द्वारा तैयार की जाएगी। आवेदन को लेकर किसी संशय या पूछताछ की स्थिति में विस्तार अधिकारी (खेती) या जिला खेतीबाड़ी अधिकारी या बागवानी उप निदेशक से संपर्क करना होगा।
हाइलाइट्स:-
-बहुवर्षीय बागवानी फसलों के 10 से 33 फीसदी तक पेड़ उखड़ने या गिरने या नष्ट होने पर विशेष मामले के तहत राज्य कोष से 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता
-बहुवर्षीय बागवानी फसलों के 33 फीसदी या उससे अधिक पेड़ उखड़ने या गिरने या नष्ट होने के मामले में एसडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार प्रति हेक्टेयर देय 22,500 रुपये की सहायता
-विशेष मामले में राज्य कोष से प्रति हेक्टेयर 1,02,500 रुपये की सहायता दी जाएगी
-कुल 1,25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रति खाता अधिकतम 2 हेक्टेयर की सीमा में सहायता दी जाएगी.
पोस्ट – इण्डो एशियन टाइम्स
सभार – हिस