-
मानक में फेल पाए गए थे गुलाब जामुन, दूध व तेल
-
मिलावटखोरी में 67 खाद्य कारोबारियों के विरुद्ध किया गया था वाद दायर
-
2022-2023 में अब तक 436 प्रतिष्ठानों पर पहुंचे खाद्य विभाग के अधिकारी
मीरजापुर। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने गत एक वर्ष में खाद्य पदार्थों की जांच में मिलावट पाए जाने पर 67 कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई की। न्यायालय ने 23 वाद निस्तारित कर 5.38 लाख रुपये अर्थदंड लगाए। इसमें मुख्य रूप से रवि जायसवाल, ज्ञानवती, नीरज यादव, कमलेश व जेएलएल मार्केटिंग, सुरेंद्र आदि शामिल थे। इनके यहां जांच में सिंघाड़े का आटा, गाय के दूध, तेल, गुलाब जामुन के नमूने लिए गए थे, जो फेल साबित हुए।
सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय डा. मंजुला ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय समिति की बैठक में बताया कि गत एक वर्ष में निस्तारित वाद में न्यायालय ने पांच लाख 38 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। इस वर्ष अब तक 436 प्रतिष्ठानों पर खाद्य विभाग के अधिकारी पहुंचे हैं। बैठक की अध्यक्षता एडीएम वित्त एवं राजस्व शिवप्रताप शुक्ल ने की।
बड़े प्रतिष्ठानों का हो रहा सर्वे
खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से ऐसे सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठानों, विद्यालयों व अस्पताल का सर्वे कराया जा रहा है, जहां बहुतायत में खाद्य पदार्थ बनाकर परोसे जाते हैं। इसके अलावा बाल सुधार संप्रेक्षण गृह को ईट राइस कैंपस घोषित किया गया है। तीन खाद्य कारोबारी माखन भोग, विष्णु प्रिया व लल्लूराम मिष्ठान भंडार को उत्कृष्ट अनुपालन के लिए प्रमाणीकृत किया गया।
पोस्ट – इण्डो एशियन टाइम्स
सभार – हिस