-
भीड़ के दबाव में सुरक्षाबलों को 12 केवाईकेएल उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा
इण्डो एशियन टाइम्स, इंफाल,
मणिपुर में हिंसा से निपटना सुरक्षाबलों के लिए कठिन हो रहा है। एक और उपद्रवी तत्व हिंसा फैलाने में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर कानून के अनुसार कार्रवाई करने की राह में सुरक्षाबलों को अनेक रुकावटें आ रही हैं।
सुरक्षा सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय महिला संगठन जवानों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा कर प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं का आरोप है कि इंफाल पूर्व के कांग्लातोंबी इलाके की महिलाओं ने कांग्लातोंबी बाजार बोर्ड की महिलाओं के साथ कथित दुर्व्यवहार किया। जिसके कारण महिलाओं ने केंद्रीय बलों का मुकाबला किया। यह घटना कांग्लातोमबी ब्रिज और कांग्लातोम्बी बाजार बोर्ड के बीच हुई।
सूत्रों के अनुसार, कैप्टन मनिंगबा के नेतृत्व में मोटबुंग में तैनात केंद्रीय बलों की एक टीम कांगलातोम्बी पहुंची और मैतेई आवासों की तलाशी शुरू कर दी। आरोप लगाया गया है कि लगभग 15 कर्मियों की सुरक्षा बलों की एक टीम कांग्लातोंबी पहुंची, लेकिन केंद्रीय बलों को देखकर आसपास के इलाके से बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट एकत्र हो गए और सुरक्षाकर्मियों को वहां से लौट जाने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि कम आबादी का फायदा उठाते हुए केंद्रीय बल कुकी उग्रवादियों के साथ मिलकर इलाके में मैतेई समुदाय को निशाना बना रहे हैं।
सुरक्षा बलों ने रविवार की सुबह इंफाल में तलाशी अभियान शुरू किया था। रक्षा सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2015 के डोगरा हमले के छह मामलों का मास्टरमाइंड स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तम्बा उर्फ उत्तम समेत 12 उग्रवादियों को पकड़ लिया था, लेकिन महिलाओं और स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में तकरीबन 13 सौ से 15 सौ लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और भीड़ के दवाब में 12 केवाईकेएल उग्रवादियों को रिहा करना पड़ा।
प्रवक्ता के अनुसार, महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ के विरुद्ध बल प्रयोग करने से बचते हुए सभी 12 कैडरों को स्थानीय नेताओं के हवाले कर दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थानीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम के जरिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
साभार -हिस
Posted by: Desk, Indo Asian Times