कोलकाता, उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने दक्षिण 24 परगना के जयनगर में शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार के भ्रष्टाचार का दीमक जनता को केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित कर रहा है। पश्चिम बंगाल में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। हर विभाग से वसूली हो रही है। पुलिस प्रशासन पार्टी विशेष का कार्यकर्ता बनकर रह गया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. शर्मा ने मोदी सरकार के नौ साल पूर्ण होने के अवसर पर महासम्पर्क अभियान के तहत आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि बंगाल की जनता के मन में भाजपा के पक्ष में हाई वोल्टेज करंट बह रहा है। वह आने वाले चुनाव में भाजपा को 35 से अधिक लोकसभा सीटों पर चुनाव जिताकर केंद्र में मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनवाने जा रही है। भाजपा की इस जीत के बाद बंगाल में दीदी के भ्रष्टाचार का किला भरभराकर ढह जाएगा।
तृणमूल पर बंगाल को गर्त में ले जाने का आरोप लगाते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में माफिया राज हावी है। आज सूबे में खनन, गिट्टी, पशु तस्करी, सोने की तस्करी का माफिया हावी है और हत्या, अपहरण, महिलाओं से बदसलूकी एक व्यवसाय बन गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी 2017 में भाजपा की सरकार बनने के पहले यही हाल था पर छह साल में ही यूपी से अपराधी व माफिया गायब हो गए हैं। आज प्रदेश में 3.90 लाख करोड़ का निवेश आया है। 20 हवाई अड्डे बन गए हैं। आज उप्र के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बन गए हैं। पिछले पांच साल में 250 माध्यमिक विद्यालय एवं 78 डिग्री कॉलेज बने हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन भाजपा की सरकारों की पहचान है और यहां के बुआ-भतीजे को सुशासन का मंत्र सीखने की जरूरत है जिससे कि बंगाल की जनता भी देश में हो रहे विकास के साथ कदमताल कर सके। इसके लिए उन्हें नई दिल्ली अथवा उप्र जाकर प्रधानमंत्री मोदी अथवा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से सुशासन का मंत्र लेने की जरूरत है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि बंगाल के विकास के लिए केंद्र सरकार तो कटिबद्ध है पर विकास के लिए राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है। जो बंगाल किसी समय में सबसे सम्पन्न राज्य हुआ करता था तथा देश के लोगों को नौकरी से लेकर व्यवसाय देता था वह आज कराह रहा है। इसके विकास को कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों ने स्लो पॉइजन देकर खराब किया और पिछले 10 साल में तृणमूल ने तो इसका बेड़ा ही गर्क कर दिया है। चौड़ी सड़कों वाले बंगाल में सड़कें खस्ताहाल हैं और पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढा है कि गड्ढे में सड़क है। कभी रोजगार देने वाले बंगाल का हाल कुछ ऐसा है कि अब यहां के लोगों को नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां पर दीदी के अलावा पर्दे के पीछे भी एक मुख्यमंत्री है। जबसे उन्होंने कमान संभाली है सूबे का कोई विभाग ऐसा नहीं बचा है जहां से वसूली नहीं होती हो। केंद्र सरकार की मुद्रा योजना एवं मनरेगा जैसी योजना के लाभार्थी इन योजनाओं का लाभ पाने की अभी राह ही देख रहे हैं। इसका पैसा कहां गया कुछ पता नहीं है। मनरेगा का तो पूरा पैसा भी खर्च नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री आवास और शौचालय योजना का हाल भी कुछ ऐसा ही है कि पैसा कहां गया किसी को पता नहीं है। प्रधानमंत्री ने देश के लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख तक के उपचार की व्यवस्था की है, पर बंगाल के लोगों को प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया स्वास्थ्य सुरक्षा का यह कवच भी नहीं मिल रहा है। किसान सम्मान निधि देश के अन्य राज्यों के किसानों को राहत दे रही है पर बंगाल का किसान आज भी इससे वंचित ही है। बंगाल के गांवों में आज भी बिजली सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकारी कर्मचारी को पूरा डीए तक नहीं दिया जा रहा है। ऐसा लगता है कि ममता सरकार ने राज्य के विकास को बंगाल की खाड़ी में फेंक दिया है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है। भाजपा के कार्यक्रमों को अनुमति नहीं दी जाती है। यह उत्पीड़न अधिक चलने वाला नहीं है। इसे रोका जाना चाहिए नहीं तो आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।
साभार -हिस