भुवनेश्वर/ कोलकाता, ओडिशा के बालासोर के पास तीन ट्रेनों के एक-दूसरे से टकराने के बाद बड़ी संख्या में लोगों की मौत को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। दुर्घटनास्थल पर पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ खड़े होकर रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने एंटी कॉलिजन सिस्टम का जिक्र करते हुए कहा कि अगर इन ट्रेनों में एंटी कॉलिजन सिस्टम लगा होता तो शायद यह दुर्घटना नहीं होती।
ममता ने कहा कि जब वह रेल मंत्री थीं तो उन्होंने मडगांव जाकर एंटी कॉलिजन सिस्टम को समझा था और ट्रेनों में लगवाया था। उसके बाद से रेल दुर्घटनाएं कम हो गई थीं। यह ऐसा सिस्टम होता है जिसमें दो ट्रेनें आमने-सामने होने पर अपने आप रुक जाती हैं। ममता ने कहा कि यह 21वीं सदी की सबसे बड़ी दुर्घटना है क्योंकि इसके पहले 1981 में ऐसी ही बड़ी दुर्घटना बिहार में हुई थी। रेल मंत्री की ओर देखते हुए ममता ने कहा कि एंटी कॉलिजन सिस्टम लगा होता तो इतने लोगों की जान नहीं जाती।
हालांकि रेलमंत्री ममता की बातों को सुनते रहे लेकिन भद्रता दिखाते हुए उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
ममता बनर्जी के इस बयान को लेकर भाजपा ने उन पर सवाल खड़ा किया है। बंगाल भाजपा के नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि लाशों पर राजनीति करना ममता बनर्जी की आदत है। बंगाल में उन्होंने हर जगह गंदगी फैला रखी है और अब ओडिशा में जब बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है, अनगिनत परिवार दुख में हैं, लोग रो बिलख रहे हैं तब वहां जाकर वह भ्रम फैला रही हैं। वह बेबुनियादी बातें कर रही हैं।
सिन्हा ने कहा कि एक अच्छे राजनेता के तौर पर उन्हें वहां राहत और बचाव में मददगार बनना चाहिए ना कि ऐसी बातें करके चीजों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश करनी चाहिए। जब तक जांच नहीं होगी तब तक स्पष्ट नहीं होगा कि कैसे दुर्घटना हुई है। ऐसे में बिना जाने आधारहीन बातें करके वह लाशों पर राजनीति करने की अपनी पुरानी आदत दोहरा रही हैं।
राहुल सिन्हा ने कहा कि रेलमंत्री ने भद्रता दिखाई और ममता बनर्जी को वहां कोई जवाब नहीं दिया। भाजपा का कोई भी नेता ममता की तरह अभद्र नहीं है कि ऐसे मामलों पर राजनीति करे और उनके बराबर के स्तर में नीचे गिरे।
ममता के पूर्व सहयोगी ने भी उठाए सवाल
– इसके अलावा ममता बनर्जी के बयान पर उनके पूर्व सहयोगी रहे पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एंटी कॉलिजन सिस्टम तब काम करता है जब एक ही पटरी पर दो ट्रेनें आमने-सामने से आती हैं। इस मामले में तो एक ट्रेन बेपटरी होकर उतर गई है और उसके डब्बे आसपास की पटरियों पर छिटक गए हैं। जाहिर सी बात है जब डब्बे गिरेंगे तो बगल में खड़ी मालगाड़ी से भी टकराए और उसी समय तुरंत बगल से गुजर रही दूसरी ट्रेन भी उसकी चपेट में आ गए हैं। ऐसे में एंटी कॉलेयिजन सिस्टम बहुत अधिक काम नहीं करता।
त्रिवेदी ने कहा कि जब तक जांच नहीं होगी तब तक स्पष्ट नहीं होगी कि दुर्घटना का कारण क्या है लेकिन एंटी कॉलिजन सिस्टम की बात करके इसे गुमराह करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
साभार -हिस