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ड्रोन टेक्नोलॉजी से खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने दी छूट
देहरादून, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को यहां कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के थाली में ‘श्री अन्न’ पहुंचे, इस सोच को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाया जा रहा है। ‘श्री अन्न’ को मोटा अनाज कहकर उपहास उड़ाया गया, यह अन्न व्यक्ति को स्वस्थ करने के साथ किसानों और युवाओं को रोजगार देकर जीवन में खुशहाली लाएगा।
रविवार को हाथीबड़कला स्थित सर्वे ऑफ इण्डिया, हाथीबड़कला, स्थित सर्वे ग्राउण्ड में चार दिवसीय ‘श्री अन्न’ महोत्सव के दूसरे दिन केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बतौर मुख्य अतिथि यह बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘श्री अन्न’ प्रत्येक व्यक्ति की थाली में पहुंचे। इसके लिए उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी का प्रयास सराहनीय है।
केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्व कल्याण के उद्देश्य को लेकर काम कर रहे हैं। ‘श्री अन्न’ कुपोषण का समाधान के लिए पौष्टिक आहार है। प्रधानमंत्री मोदी के 2018 के प्रस्ताव का ही प्रभाव है कि 2023 को मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। आने वाले समय में हर व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर होगा और किसानों को लाभ मिलेगा। मिलेट्स का ेा विश्व में सबसे ज्यादा उत्पादन हिन्दुस्तान में होता है। मिलेट्स अनाज से कई प्रकार की वस्तुएं बनाई जा रही हैं। पांच हजार स्टार्टअप में 2 हजार ‘श्री अन्न’ के उत्पाद बनाये जा रहे हैं।
केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के पक्षधर हैं। प्राकृतिक खेती का उत्तराखंड में रकबा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की थाली में जब ‘श्री अन्न’ पहुंचेगा तो स्वस्थ व्यक्ति के साथ किसानों को भी खेती से आर्थिक लाभ बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि गाय के गोबर और गोमूत्र में औषधीय गुण हैं। केंद्रीय मंत्री ने राज्य के कृषि मंत्री से जिला और ब्लॉग में किसानों को लार्ज सर्टिफिकेट घोषित करने के लिए आग्रह किया, जिससे किसानों की आर्थिकी बढ़ाने में कारगर साबित होगा। पहले की सरकार किसानों का हित नहीं सोचा, अटल बिहारी ने सोचा, पहले खाली बात होती थीं। अब कृषि का बजट 1 लाख 25 हजार करोड़ और 60 हजार करोड़ किसान सम्मान निधि रखा गया है। किसान मंडी में फसल न बेचकर व्यापारी बने। यह प्रधानमंत्री की सोच है। पुरानी नहीं नई टेक्नोलॉजी से खेती में गति आई है। प्रधानमंत्री ने ड्रोन से खेती की छूट दी है।
सरकार 40 फीसद सामान्य लोगों को सब्सिडी, महिला 50 और सरकारी संस्था 100 फीसद सब्सिडी मिलती है। किसान आज ड्रोन से छिड़काव कर रहा है। पौध में कहां-कहां कीड़ा लगा है। इसके लिए उसकी पहचान करने का झंझट नहीं रह गया है। साथ ही वह कम समय में खेती के कार्य को पूरा कर सकता है। आज अच्छे किसान की चर्चा नहीं होती, इसके चलते युवा साथी भटकाव की ओर चले जाते हैं। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए किसान को आत्मनिर्भर होना होगा।
उन्होंने कहा कि हर कहानी में गरीब किसान जैसे शब्द की बात होती है, अब इसे समाप्त करना है। जमींदार और धनाढ्य किसान बनाने के लिए मुहिम को गति देना है। उन्होंने कहा कि ‘श्री अन्न’ को हर थाली में पहुंचाने के लिए शादी कार्ड या पार्टी में निमंत्रण कार्ड पर इसे लिखा जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सरकार के अभिनय कदम को कृषि विभाग जमीन पर उतार रहा है। हिमालय के उत्पाद की ब्रांडिंग के साथ इसे देश ही नहीं दुनिया में लेकर जाने के लिए कृषि विभाग अथक प्रयास करे। प्रधानमंत्री के इस अभियान से गांव का भारत यानी आत्मनिर्भर भारत को खड़ा किया जा सके। उत्तराखंड को 2025 में मुख्यमंत्री धामी के विजन को साकार करने के लिए सभी को अभी से मिलकर काम करना होगा।
कृषि और कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में परंपरागत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। आज ‘श्री अन्न’ स्वास्थ्य के दृष्टि से लाभदायक है। भाजपा सरकार मिलेट्स खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। दो साल से कृषि विभाग लगातार शीर्ष पर आ रहा है। प्राकृतिक खेती के लिए 64 हजार हेक्टेयर के लिए भूमि का चयन किया गया है। सरकार प्राकृतिक खेती के लिए बोर्ड बना रही है। राज्य में 38820 हेक्टेयर में झिंगोरे लगाए जा रहे हैं। राज्य में 50 हजार पॉली हाउस लगाने जा रहे हैं। ‘श्री अन्न’ उत्पाद को 2025 तक दोगुना करने के संकल्प को लेकर हम काम कर रहे हैं।
इस मौके पर कृषि और कृषक कल्याण सचिव बीबीआरसी पुरुषोत्तम, कृषि निदेशक गौरीशंकर, विनय कुमार, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र पुण्डीर सहित मोजूद थे।
साभार -हिस