खोरीबारी- विगत 33 दिनों से हड़ताल पर अडिग नियोजित शिक्षकों ने कोरोना महामारी से आमजन को बचाने हेतु सामाजिक दायित्वों को भी निभाने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में ठाकुरगंज प्रखंड के हड़ताली शिक्षकों ने कोरोना वायरस से बचाव के तरीकों से आमजन को अवगत कराने हेतु “सामाजिक जागरूकता रथ ” 19 मार्च को रामजानकी मंदिर भात ढाला से रवाना किया।
उक्त रथ को श्री प्रमोद राज चौधरी, मुख्य पार्षद, ठाकुरगंज नगर पंचायत, डॉक्टर रफत हुसैन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी किशनगंज और डॉक्टर एके झा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ठाकुरगंज ने हरी झंडी दिखायी, किन्तु उक्त रथ का 20 मार्च के संध्या काल स्थानीय डीडीसी मार्केट पहुँचने की पूर्व सूचना देने पहुंचे हड़ताली नियोजित शिक्षकों को प्रखंड विकास पदाधिकारी ठाकुरगंज ने प्राथमिकी दर्ज करवाने की बात बताकर जागरूकता कार्यक्रम को करने से मना कर दिया। मौके पर जब उन्हें मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी किशनगंज के पत्रांक 724 दिनांक 18 मार्च 2020 की प्रति उपलब्ध करवाया गया तो उन्होंने इसे भी नजरअंदाज कर दिया।
उक्त पत्र में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, किशनगंज ने जिले के तमाम प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को हड़ताली नियोजित शिक्षकों के “कोरोना वायरस से बचाव” हेतु जागरूकता कार्यक्रम में सहयोग करने का आदेश दिया है।
शिक्षक नेता इकबाल अहमद, नीलेश भारती, तपेश वर्मा, ब्रजेश सिंह व उज्ज्वल सिंह ने बताया कि उनका मकसद छोटे-छोटे समूह को बारी-बारी से जागरूक करना, उन्हें कोरोना वायरस से पीड़ित का लक्षण व बचाव के तरीके लिखे पर्चा उपलब्ध करवाना और आवश्यकता के अनुसार मेडिकल किट देना है। उनसभी ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान वे सभी इस बात का एहतियात बरतते हैं कि मौके पर भीड़ इकट्ठी न हो। इसके बावजूद प्रखंड विकास पदाधिकारी ठाकुरगंज के बेरुखी से उनमें इस बात को लेकर निराशा पनप गया कि हड़तालियों को सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने में प्रशासन के स्तर से सहयोग मिलने के बजाय डराने की कोशिश की जा रही है, जबकि हमसभी हड़ताली अपने अपने प्राण को दांव पर लगाकर सामाजिक हितों को प्राथमिकता देते हुए निःस्वार्थ भाव से मानव सेवा करना चाहते हैं। इनसभी ने बताया कि उनका मकसद लोगो को 22 मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर आहूत “जनता कर्फ्यू” के प्रति अधिक से अधिक सजग करने की भी थी ताकि कोरोना वायरस के चेन को तोड़ा जा सके।
स्थानीय प्रशासन के नकारात्मक रवैये से निराश इन शिक्षक नेताओं ने बताया कि अब 23 मार्च से इस अभियान को पुनः गति प्रदान करने हेतु स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन से मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी किशनगंज के मार्फ़त विचार-विमर्श किया जायेगा, ताकि कोरोना महामारी से मानव जाति का बचाव करने में हड़ताली नियोजित शिक्षक अपनी अपनी भूमिका का निर्वहन बेरोकटोक करने में सफल हो सकें।