-
कहा- स्वच्छंदता के नाम पर अश्लीलता, अनैतिकता व अप्राकृतिक आचरण को बढ़ावा देने में लगे हैं बुद्धिजीवी व न्यायविद
नई दिल्ली। ‘समलैंगिक विवाह’ आर्य संस्कृति पर हमला है और आर्य-समाज इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। ये बातें विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहीं। आर्य समाज विकास पुरी, बाहरी रिंग रोड, दिल्ली के वार्षिकोत्सव के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विवाह 16 संस्कारों में से एक, प्रमुख संस्कार के साथ चार आश्रमों के मूल ‘गृहस्थ आश्रम’ का मुख्य आधार भी है। इसे ‘समलैंगिक विवाह’ के नाम पर कलंकित करने की कुचेष्टा की जा रही है। स्वच्छंदता के नाम पर अश्लीलता, अनैतिकता व अप्राकृतिक आचरण को बढ़ावा देने में जिस प्रकार कथित बुद्धिजीवी व न्यायविद लगे हैं वह बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है। इसे भारतीय समाज कदापि स्वीकार नहीं करेगा।
उपस्थित आर्यसमाज के विद्वानों, प्रतिनिधियों, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक संस्थानों के पदाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के साथ उपस्थित जन समूह ने ॐ की ध्वनि के साथ यह संकल्प भी व्यक्त किया कि भारत में कोई भी विवाह सत्यार्थ प्रकाश के चतुर्थ समुल्लास की मान्यताओं के विरुद्ध नहीं होने देंगे।
श्री बंसल ने उपस्थित जन समूह को स्मरण दिलाया कि पहले संविधान की मूल प्रति से राम दरबार के चित्र को हटाया गया, उसकी प्रस्तावना में ‘सेक्यूलर’ व ‘सोशलिस्ट’ शब्दों की घुसपैठ की गई, ‘दो वयस्कों के बीच सहमति से यौन संबंधों’, ‘लिव इन रिलेशनशिप’, तथा ‘विवाहेत्तर संबंधों’ व समलैंगिक व्यवहार को अपराध की श्रेणी से बाहर कर भारतीय सांस्कृतिक मर्यादाओं को तार तार करने का प्रयास किया गया।
अब भारतीय समाज किसी और कुचक्र में फंसने वाला नहीं है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय अपना निर्णय देते समय भारतीय जन भावनाओं का भी सम्मान करेगा जिनके लिए वह बना है।
समाज के मंत्री श्री डालेश त्यागी द्वारा संचालित भव्य कार्यक्रम में यज्ञ ब्रह्मा आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री, आर्य विद्वान श्री राजू वैज्ञानिक, डॉ महेश विद्यालंकार, आर्य विदुषी दर्शनाचार्या विमलेश बंसल, मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक श्री महेंद्र यादव, आर्य नेता श्री सतीश चड्ढा, श्री यशपाल आर्य, कर्नल रमेश मदान, सुरेंद्र रैली, समाज महिला मंत्री श्रीमती रेणु त्यागी इत्यादि गणमान्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान वयोवृद्ध आर्य विद्वान आचार्य प्रणव प्रकाश शास्त्री को 21 हजार रुपए की राशि शॉल और स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर बुजुर्गों के यज्ञवेदी तक सुगमता से पहुंचने हेतु मुख्य अतिथियों के हाथों से एक लिफ्ट का उद्घाटन भी किया गया।