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एनडीए के साथ जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता: मांझी
पटना, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मांझी बिहार में चल रहे सात पार्टियों के महागठबंधन की सरकार में शामिल हैं। ऐसे में अमित शाह से उनकी मुलाकात को लेकर बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है और कई कयास लगाये जा रहे हैं।
हालांकि मांझी की अमित शाह से यह मुलाकात औपचारिक ही बतायी जा रही है। मुलाकात के दौरान उन्होंने गृह मंत्री शाह से बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह, पर्वत पुरुष दशरथ मांझी और भूतपूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जैसे बिहार के महान विभूतियों को भारत रत्न देने की मांग की है। अमित शाह से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मीडिया से बातचीत में भाजपा के साथ जाने की बात को टालते हुए कहा कि एनडीए में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता है। मैंने नीतीश कुमार के साथ रहने का संकल्प लिया है। नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के लिए उपयुक्त हैं और उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए विपक्षी एकता के साथ काम करेंगे। वे ईमानदारी से विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मांझी का अमित शाह से मिलने का कारण चाहे जो भी हो लेकिन बिहार की राजनीति में कुछ भी हो सकता है। मांझी को बिहार में कई बार सियासी पलटी मार चुके हैं, इसलिए उन्हें यू-टर्न राजनीति का मास्टर भी कहा जाता है। जीतनराम मांझी के सुर हमेशा नीतीश के सुर से अलग रहे हैं। मांझी नीतीश कुमार की शराबंदी को फेल बताते रहे हैं। मांझी का आरोप है शराबबंदी के नाम पर गरीबों का शोषण हो रहा है।
साभार -हिस