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उद्धव ठाकरे सरल व्यक्तित्व के धनी हैं, उनके इसी स्वभाव के कारण पार्टी टूटी: भगत सिंह कोश्यारी

देहरादून, राजनीति मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। मेरे लिए स्वस्थ समाज और स्वस्थ वातावरण ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं पिछले दो महीने से सक्रिय राजनीति से इतर हूं। मेरी मान्यता है कि मेरे जैसे लोगों को राजनीति में बहुत ज्यादा रूचि नहीं रखनी चाहिए। हम लिखने-पढ़ने वाले लोग हैं। ऐसे में पठन-पाठन-लिखन मार्गदर्शन हमारी विशिष्टता होनी चाहिए। यह बातें महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को प्रेस से मिलिए कार्यक्रम के तहत प्रेस क्लब देहरादून में कही।

उन्होंने कहा कि मेरे लिए समाज महत्वपूर्ण है। राज्यपाल रहते हुए महाराष्ट्र की राजनीति में आए संकट पर भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सनातनी स्वभाव और सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। उनके इसी स्वभाव के कारण उनकी पार्टी टूटी है।
उन्होंने कहा कि मेरे से कहीं भी गलती भी होगी तो मैं छोटे बच्चे से भी माफी मांग लूंगा। छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में मैंने कभी बुरा नहीं बोला। ऐसे व्यक्ति के बारे में कौन बुरा बोल सकता है। मेरे को अगर पावर सेंटर ही बनना होता तो उतना बड़ा राज्य छोड़कर मैं उत्तराखंड क्यों आता। यहां पावर सेंटर बहुत हैं। यदि प्रदेश की पावर बढ़ेगी तो पुष्कर सिंह धामी को भी फायदा होगा। पुष्कर सिंह धामी अच्छा काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भी उनके काम की सराहना की है। मुझे भी लगता है वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और जनता को उनसे लाभ हो रहा है।
कार्यक्रम में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि उद्धव ठाकरे सीधे, सच्चे और सज्जन हैं। यदि वह सज्जन न होते तो क्या पार्टी टूट जाती। यदि वह जोड़तोड़ वाले होते तो उनकी पार्टी बरकरार रहती। राजनीतिक भूचाल के बारे में पूछे जाने पर कोश्यारी ने कहा कि उत्तराखंड आपदा प्रभावित क्षेत्र है। यहां वैसे ही बहुत भूचाल आते रहते हैं। राजनीतिक भूचाल आने की कल्पना मत करिये।
उन्होंने कहा कि कोई भी अच्छा काम करेंगे मैं उनके साथ रहूंगा। यदि गलत काम करेंगे तो एक घंटा भी मौन नहीं रहूंगा। उन्होंने कहा कि आप लोग रायते से दूर रहिये, रायता मत फैलाइये। जो भी अच्छा काम करेगा पार्टी से ऊपर उठकर मैं उसको पूर्ण सहयोग दूंगा। यह किसी एक दल या किसी एक परिवार का नहीं है। सभी लोगों को मिलकर प्रदेश को आगे बढ़ाना है। सारे महाराष्ट्र के लोग जानते हैं मैं सबसे ज्यादा घूमा हूं। महाराष्ट्र के लोग मुझे बहुत प्यार देते हैं।
भाजपा की सदस्यता के बारे में पूछे जाने पर पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने स्पष्ट किया कि जब मैं भाजपा का सदस्य नहीं था तब भी राष्ट्र निर्माण में निरंतर सहयोग करता था। मेरी मान्यता है कि श्रेष्ठ कार्य करने और समर्थन देने के लिए किसी भी पार्टी की सदस्यता लेना आवश्यक नहीं है।
साभार -हिस

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