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सौ से अधिक देशों के रक्षा प्रमुखों के सम्मेलन की राजनाथ सिंह ने की मेजबानी

  •  वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में तेजी से हो रहे बदलावों से निपटने के लिए अधिक सहयोग का आह्वान

  •  भारत की ओर से मित्र देशों को रक्षा साझेदारी की पेशकश करते हुए राष्ट्रीय प्राथमिकताएं गिनाईं

नई दिल्ली, रक्षा मंत्री ने बेंगलुरु में एयरो इंडिया के दूसरे दिन मंगलवार को रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी की। उन्होंने वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में तेजी से हो रहे बदलावों से निपटने के लिए अधिक सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का पक्षधर है, इसलिए आतंकवाद जैसे खतरों का मुकाबला करने के लिए नई रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है। भारत की ओर से मित्र देशों को रक्षा साझेदारी की पेशकश करते हुए राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और क्षमताओं को गिनाया।

रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में 27 देशों के रक्षा और उप रक्षा मंत्रियों, 80 देशों के 15 रक्षा एवं सेवा प्रमुखों और 12 स्थायी सचिवों सहित कई देशों के 160 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का व्यापक विषय ‘रक्षा में संवर्धित संलग्नताओं के माध्यम से साझा समृद्धि’ था। अपने उद्घाटन भाषण में रक्षा मंत्री ने तेजी से जटिल वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में अधिक सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक और सुरक्षा वास्तविकताएं अब अज्ञात गति से बदल रही हैं। उन्होंने ऐसे तेज गति वाले परिवर्तनों का जवाब देने के लिए वास्तविक समय के सहयोग का आह्वान किया।
उन्होंने शिखर सम्मेलनों के दौरान नियमित बातचीत पर जोर दिया कि सभी की चिंताओं को एक सामान्य, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए उपयुक्त रूप से संबोधित किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी गुट या राष्ट्रों के एक समूह के दूसरे के खिलाफ गठबंधन के बिना भारत ने सभी राष्ट्रों, विशेष रूप से विकासशील लोगों के उत्थान के लिए निरंतर काम किया है। भारत ने हमेशा दुनियाभर के नए विचारों का स्वागत किया है, इसलिए हमारा प्राचीन लोकाचार आपसी लाभ के लिए सहयोग की दिशा में काम करने के लिए मार्गदर्शन करता है।

रक्षा मंत्री ने कोविड-19 से निपटने के लिए वैश्विक प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस महामारी ने सिखाया है कि साझा वैश्विक समृद्धि के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सभी देशों के बीच अधिक समन्वय की आवश्यकता है, जिनमें से रक्षा और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण के संदर्भ में सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, ताकि सहायता प्राप्त राष्ट्रों के लोकाचार के अनुरूप नीचे से ऊपर के समाधान व्यवस्थित रूप से सामने आ सकें। राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रियों को बताया कि भारत अपने मित्र देशों को रक्षा साझेदारी की पेशकश कर इसी सिद्धांत के साथ काम करते हुए आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी साझेदारी की पेशकश करते हैं, जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और क्षमताओं के अनुकूल हो। हम आपके साथ निर्माण करना चाहते हैं, हम आपके साथ लॉन्च करना चाहते हैं, हम आपके साथ बनाना चाहते हैं और हम आपके साथ विकास करना चाहते हैं। हम सहजीवी संबंध बनाना चाहते हैं, जहां हम एक दूसरे से सीख सकें, एक साथ बढ़ सकें और सभी के लिए जीत की स्थिति बना सकें। राजनाथ सिंह ने विश्वास जताया कि एयरो इंडिया के माध्यम से रक्षा मंत्रियों को भारत में बनाए जा रहे मजबूत रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने रक्षा मंत्रियों से फीडबैक के माध्यम से अपनी आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को साझा करने का आग्रह किया, जो रक्षा उद्योग को सीखने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
साभार- हिस

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