Home / National / शंकराचार्यों में घमासान: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का एक-दूसरे पर पलटवार

शंकराचार्यों में घमासान: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का एक-दूसरे पर पलटवार

  •  आरोपों-प्रत्यारोपों की वजह से दोनों स्वामी एक-दूसरे के कोपभाजन बने

  • बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कार को नकारा

अनूपपुर, इस समय बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती चर्चा में हैं। आरोपों-प्रत्यारोपों की वजह से ये एक-दूसरे के कोपभाजन बने हुए हैं। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने एक बार फिर एक-दूसरे पर पलटवार किया है।
शुक्रवार की रात जबलपुर से अचानक अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने शनिवार की सुबह मां नर्मदा की पूजा अर्चना की और फिर बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के लिए रवाना हो गये। अमरकंटक नर्मदा मंदिर प्रांगण में उन्होंने कांग्रेस को नसीहत, रामचरितमानस पर चल रहे विवाद और संघ प्रमुख मोहन भागवत के जाति व्यवस्था के बयान पर भी जवाब दिया।
दरअसल, बीते दिनों निश्चलानंद सरस्वती ने बिना नाम लिए अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती को शंकराचार्य मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अविमुक्तेश्ववरानंद के गुरुजी का 99 साल की आयु में देहावसान हुआ, लेकिन उन्होंने शंकराचार्य की गद्दी किसी को भी क्यों नहीं दी? बाद में अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती ने दो लोगों को अंगरक्षक की तरह अलग-बगल खड़े कर अभिषेक कराया और शंकराचार्य बन गए। मर्यादा का अतिक्रमण करता हो, उसे हम शंकराचार्य नहीं मानते, इनको लगता है कि हम तीन हो गए, पुरी के शंकराचार्य को दबा देंगे, हमें तीस नहीं दबा पाए, तीन क्या दबाएंगे।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘कौन सा अमर्यादित आचरण है, ये तो बताया जाए। वह किसी व्यक्ति या संस्था पर इस प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर पूछे गए सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ‘हमने अकेले बागेश्वर धाम को लेकर कुछ नहीं कहा, हर उस व्यक्ति को कहा, जो चमत्कार की बात कर रहा है, चमत्कार है तो फिर दुनिया में लोग दुखी क्यों हैं? चमत्कार से ही लोगों का दुख दूर क्यों नहीं किया जा रहा है? अस्पताल और अदालतों में भीड़ क्यों लग रही है? हमारा अभी भी वही कहना है और आगे भी वही रहेगा. जो सच है, हमें उसको कहने में कोई दिक्कत नहीं हैं।
साभार- हिस

Share this news

About desk

Check Also

जय फिलिस्तीन पर सांसद ओवैसी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने रविवार को हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *