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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने किये थे निर्विरोध चुनाव के प्रयास
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शिवसेना (उबाठा), राष्ट्रवादी पार्टी और भाजपा दोनों सीटों पर उपचुनाव लड़ने के लिए तैयार
मुंबई, पुणे जिले की कस्बा और चिंचवड़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे इन दोनों सीटों पर निर्विरोध चुनाव कराना चाहते थे, लेकिन उनका प्रयास विफल साबित हुआ है। अब शिवसेना (उबाठा), राष्ट्रवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी इन दोनों सीटों पर उपचुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
दरअसल, पुणे जिले के कस्बा विधानसभा क्षेत्र की सीट भाजपा विधायक मुक्ता तिलक और चिंचवड़ विधानसभा की सीट भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप के निधन से रिक्त हुई है। इन दोनों सीटों पर चुनाव आयोग ने 26 फरवरी को उपचुनाव घोषित किया है और मतगणना 10 मार्च को होगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सीटिंग विधायक की मौत होने पर उनके परिवारिक सदस्य को ही उस सीट पर उतारने और उसके सामने अन्य किसी भी दल से अपना उम्मीदवार न उतारने की अपील थी थी। इसी तरह की अपील मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी की है। इसी तरह का प्रयास भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्र शेखर बावनकुले भी कर रहे हैं।
राज्यसभा सदस्य और शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि इससे पहले अंधेरी विधानसभा के उपचुनाव में राज ठाकरे ने इसी तरह की अपील की थी, लेकिन उस अपील को किसी ने नहीं माना था। साथ ही पंढरपुर व एक अन्य विधानसभा की सीट पर हुए उपचुनाव में सभी दलों ने उम्मीदवार उतारे थे। संजय राऊत ने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए भाजपा को दोनों सीटों पर उपचुनाव में हार का डर सता रहा है, इसीलिए इस तरह की अपील की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पुणे की दोनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव में महाविकास आघाड़ी अपने उम्मीदवार उतारेगी। राकांपा नेता अजीत पवार ने भी कहा कि अंधेरी सीट पर हुए उपचुनाव में इस तरह की अपील बेमानी साबित हुई है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि अंधेरी विधानसभा उपचुनाव में सभी दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, इसलिए पुणे में भी सभी दल उपचुनाव लड़ेंगे। हालांकि, राकांपा नेता और पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि चर्चा से किसी भी विषय का समाधान होता है। इस विषय पर भी चर्चा की जा रही है, चर्चा के बाद सकारात्मक पहलू सामने आ सकता है।
साभार- हिस