Home / National / जोशीमठ संकट : सभी मंत्री एक महीने का वेतन सीएम राहत कोष में दान करेंगे
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

जोशीमठ संकट : सभी मंत्री एक महीने का वेतन सीएम राहत कोष में दान करेंगे

  •  जोशीमठ के लोगों का छह महीने का बिजली और पानी बिल माफ

  •  विस्थापित हर परिवार के दो लोगों को मनरेगा योजना में मिलेगा काम

देहरादून कैबिनेट की बैठक में शुक्रवार को जोशीमठ संकट को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। सरकार के सभी मंत्री एक महीने का वेतन सीएम राहत कोष में दान करेंगे। इसके अलावा जोशीमठ के लोगों का छह महीने का बिजली और पानी बिल माफ करने और विस्थापित हर परिवार के दो लोगों को मनरेगा में काम देने का भी महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।

उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में जोशीमठ को लेकर विशेष चर्चा हुई। मुख्य सचिव एसएस संधु तथा आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया कि मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार राहत शिविर में रह रहे लोगों को 450 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे और प्रभावित लोगों को मनरेगा की तर्ज पर रोजगार दिया जाएगा। सरकार ने प्रभावितों के बिजली, पानी के बिल माफ करने का निर्णय लिया है। सभी मंत्रियों ने निर्णय लिया है कि वह जोशीमठ आपदा के लिए एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष देंगे। जोशीमठ में आए दिन बदलाव के लिए मुख्यमंत्री को तात्कालिक निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है।
प्रदेश के मुख्य सचिव तथा सचिव आपदा रंजीत सिन्हा ने बताया कि आपदा पीड़ितों को बसाने के लिए हेलंग, पीपलकोटी और ढाक के क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया जा रहा है, जहां जोशीमठ के विस्थापितों को बसाया जाएगा। इसी बैठक में राहत शिविर के लिए मानक तय किए गए। आपदा राहत प्रबंधन मद से अब राज्य के शहरों का सर्वेक्षण होगा। कौन से शहर की क्षमता क्या है, इसका भी सर्वेक्षण होगा। इसकी शुरुआत पर्वतीय क्षेत्रों से की जाएगी। जोशीमठ के लिए मंत्रिमंडल ने 45 करोड़ की राशि तय की है।

उन्होंने बताया कि बैठक में पेपर लीक जैसे प्रकरणों पर कड़े निर्णय लिये गये। अब नकल कराने वालों अथवा इसमें भूमिका करने वालों को सम्पत्ति कुर्की के साथ-साथ उम्र की भी सजा दी जा सकती है। इस मामले पर अगली कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। नकल विहीन परीक्षा के लिए प्रदेश में सशक्त कानून लाने का निर्णय लिया गया, ताकि नकल रोकी जा सके।
मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि लेखपाल परीक्षा में जिन परीक्षार्थियों ने पहले आवेदन किया था, उन्हें दुबारा आवेदन नहीं करना होगा। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा, अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका बसों में टिकट माना जाएगा।
साभार- हिस

Share this news

About desk

Check Also

आईपी विश्वविद्यालय के एमबीबीएस प्रोग्राम की स्पेशल राउंड काउंसलिंग में 28 नवंबर तक विकल्प चयन का मौका

नई दिल्ली। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के एमबीबीएस प्रोग्राम (कोड 103) की स्पेशल राउंड …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *