गोपेश्वर, उत्तराखंड मुख्यमंत्री की सचिव ने बुधवार को जोशीमठ आपदा को लेकर सरकार की मौजूदा स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में आपदा राहत के तहत प्रत्येक परिवार को तात्कालिक रूप से डेढ़ लाख की अंतरिम सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक दो होटल, जो भू धसाव के कारण लटक गए हैं, उनको गिराने करने का आदेश दिया गया है। क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। इसके अलावा किसी भी भवन को अभी नहीं तोड़ा जा रहा है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री की सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने आज पत्रकारों से बातचीत में बताया कि भू धसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर 1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है, जिसमें 50 हजार रुपये घर शिफ्ट करने और एक लाख रुपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसे बाद में समायोजित किया जाएगा।
सरकार लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा दे रही है जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते हैं, उनको छह महीने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। इससे पूर्व उन्होंने हित धारकों और स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया कि भू धसाव से जो भी लोग यहां पर प्रभावित हुए हैं, उनको मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा। मार्केट की दर भी हित धारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आयी है। सुरक्षा के दृष्टिगत आजतक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है।
साभार-हिस