Home / National / असम-अरुणाचल सीमा विवाद: 37 गांवों के विवादों का निपटारा, 86 अन्य पर कार्रवाई की सिफारिश
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

असम-अरुणाचल सीमा विवाद: 37 गांवों के विवादों का निपटारा, 86 अन्य पर कार्रवाई की सिफारिश

  •  अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट पर दी जानकारी

गुवाहाटी, असम-अरुणाचल प्रदेश अंतरराज्यीय सीमा विवाद का निपटारा होना तय है। अब तक 37 सीमावर्ती ग्राम विवादों का निपटारा किया जा चुका है और दोनों राज्यों की सरकारों द्वारा गठित समितियों ने 86 और गांवों के लिए कार्रवाई की सिफारिश की है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह आधिकारिक सूचना दी है।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”हम सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। क्षेत्रीय समितियों ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कर दी हैं। हम शांति की राह पर हैं। मुख्यमंत्री खांडू ने दावा किया कि पिछली सरकारों ने असम और अरुणाचल प्रदेश के सीमा मुद्दे को लटका कर छोड़ दिया था। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की संयुक्त इच्छा और मार्गदर्शन में दोनों पड़ोसी राज्यों ने दोनों राज्यों की समृद्धि और शांति के लिए मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए कदम उठाए हैं।”
उल्लेखनीय है कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने इसी साल 15 जुलाई को ऐतिहासिक नामसाई घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए थे कि दोनों राज्य 123 विवादित गांवों में से पहले 37 और बाद में 86 पर कार्रवाई करेंगे। उस समय दोनों राज्यों की संबंधित क्षेत्रीय समितियों द्वारा प्रस्तुत संयुक्त फील्ड रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए क्रमश: 22 अगस्त और 30 सितंबर को दो क्षेत्रीय समिति-स्तरीय बैठकें आयोजित की गई थीं। असम सरकार के मंत्री अतुल बोरा को असम की क्षेत्रीय समिति का प्रमुख बनाया गया है।
इसके बाद 21 दिसंबर को गुवाहाटी में तीसरी क्षेत्रीय समिति-स्तरीय सीमा वार्ता संपन्न हुई थी। अरुणाचल प्रदेश और असम दोनों सरकारों ने सीमा विवादों को निपटाने के लिए 12 क्षेत्रीय समितियों का गठन किया है।
विवादित सीमा अरुणाचल प्रदेश के नामसाई और लोहित जिलों तथा असम के तिनसुकिया जिले में है। असम और अरुणाचल प्रदेश 804.1 किमी की लंबी सीमा साझा करते हैं। आरोप है कि 1972 में अरुणाचल प्रदेश के संघीकरण के बाद कई मैदानी वन भूमि जो पारंपरिक रूप से पहाड़ी जनजातियों-प्रमुखों और समुदायों से संबंधित थीं, उन्हें एकतरफा रूप से असम में स्थानांतरित कर दिया गया था। बाद में 1987 में राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद अरुणाचल प्रदेश द्वारा गठित एक त्रिपक्षीय समिति ने असम से अरुणाचल प्रदेश को कुछ क्षेत्रों के हस्तांतरण की सिफारिश करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
इससे पहले दोनों राज्य प्राधिकरणों ने 1980 की अधिसूचना के अनुसार सीमा को फिर से तय करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त त्रिपक्षीय समिति का गठन किया। समिति ने 29 टोपो शीटों को परिसीमित करते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव की मतगणना 25 नवंबर को

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के नतीजे लगभग दो महीने की देरी के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *