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गिरिराज ने युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण में मांग आधारित कौशल प्रदान करने का किया आह्वान

बेगूसराय, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को जारी एक बयान में भारत के युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण में मांग आधारित कौशल प्रदान करने का आह्वान किया है।

विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने रोजगार प्रशिक्षण की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण बताते हुए उन साधनों का पता लगाने का आग्रह किया, जो देश के युवाओं के लिए रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उत्पन्न करे। जिन्हें पारंपरिक ट्रेडों को इलेक्ट्रॉनिक, शिक्षा एवं प्रशिक्षण, आईटी एवं बीपीओ और पर्यटन एवं आतिथ्य जैसे क्षेत्रों के साथ एकीकृत किया जा सके।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि भारत को एक प्रमुख मानव संसाधन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। आरसेटी ने 44 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया है, जिनमें से करीब 31 लाख प्रशिक्षु अब तक रोजगार प्राप्त कर चुके हैं। प्रशिक्षण प्रदान किए गए कुल लोगों में से करीब 29 लाख महिलाएं हैं, जो 66 प्रतिशत से भी ज्यादा है। इससे यह साबित होता है कि आरसेटी में ‘महिला सशक्तिकरण’ को बहुत महत्व दिया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा है कि आने वाले 20 वर्षों में भारत की कार्यबल क्षमता में 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जबकि पूरे वैश्विक कार्यबल क्षमता में चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जाएगी। आरसेटी से प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षुओं की व्यवस्था सफलतापूर्वक करने एवं उन्हें आवश्यक ऋण उपलब्ध कराने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। 14.28 लाख प्रशिक्षित उम्मीदवारों को क्रेडिट लिंकेज प्रदान किया गया है, संचयी ऋण का संवितरित 72 सौ करोड़ रुपये रहा है। आरसेटी प्रशिक्षित उम्मीदवारों के क्रेडिट लिंकेज का औसत 51 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि 1982 में केनरा बैंक, पूर्ववर्ती सिंडिकेट बैंक और एसडीएमई ट्रस्ट धर्मस्थल ने देश में ग्रामीण युवाओं के रोजगार की समस्या का समाधान करने के लिए ग्रामीण विकास और स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरयूडीएसईटी) की अनूठी अवधारणा को अपनाया था। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उस समय से पूरे देश में आरसेटी मॉडल को अपनाया तथा बैंकों को सलाह दिया है कि वह अपने प्रत्येक अग्रणी जिले में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) की स्थापना करे। वर्तमान में 27 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों में 572 जिलों को कवर करते हुए 590 जगहों पर आरसेटी काम कर रही है। आरसेटी को सार्वजनिक, निजी, सहकारी क्षेत्रों एवं ग्रामीण बैंकों सहित 24 बैंकों द्वारा प्रायोजित किया जाता है।
साभार-हिस

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