नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किये जाने की मांग पर केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए समय दे दिया है। केंद्र सरकार ने आज कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने 13 अक्टूबर को केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना था कि पिछले आठ साल से सुप्रीम कोर्ट में ये मामला लंबित है लेकिन केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है। कोर्ट ने स्वामी को भी लिखित दलीलें जमा कराने की इजाजत दी थी। स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सरकार ने यह तय कर लिया है कि राम सेतु को नहीं तोड़ा जाएगा। फिर स्थायी संरक्षण देने में क्या दिक्कत है। पहले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि वो रामसेतु को नहीं हटाएगा। केंद्र ने कहा था कि हम सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट के लिए अन्य विकल्प तलाशेंगे। पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वो ये बताए कि वो राम सेतु का संरक्षण करना चाहती है या उसे हटाना चाहती है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इसका जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने 26 नवंबर, 2017 को केंद्र सरकार को स्वामी की अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। स्वामी ने इसमें कहा था कि सेतुसमुद्रम परियोजना के खिलाफ 2009 में दायर याचिका वह वापस लेना चाहते हैं, क्योंकि सरकार ने पौराणिक महत्व के राम सेतु को नहीं तोड़ने का फैसला किया है।
साभार-हिस