Home / National / रक्षा मंत्रालय ने निर्यात बाजार को देखते हुए तेजस मार्क -1ए के दाम तय करने को कहा
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

रक्षा मंत्रालय ने निर्यात बाजार को देखते हुए तेजस मार्क -1ए के दाम तय करने को कहा

  •  स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किये जाने से सबसे किफायती 4.5 जनरेशन का मीडियम वेट फाइटर जेट होगा

  •  तेजस विमान के उत्पादन में लागत और मैन पावर लागत कम रखते हुए प्रति यूनिट पर काम करने की जरूरत

नई दिल्ली, अगले पांंच वर्षों में पांंच बिलियन डॉलर तक रक्षा निर्यात का लक्ष्य लेकर चल रहे रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी मार्क -1ए तेजस विमानों के दामों पर फोकस किया है। डीआरडीओ और एचएएल को निर्देश दिया गया है कि तेजस विमान के उत्पादन में लागत और मैन पावर लागत को कम रखते हुए प्रति यूनिट पर काम करने की जरूरत है, ताकि दाम के मामले में निर्यात बाजार को बढ़ावा देने में आसानी हो सके। स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किये जाने से यह सबसे किफायती 4.5 जनरेशन का मीडियम वेट फाइटर जेट होगा।

मलेशिया ने भारत में बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क -1ए खरीदने के प्रति दिलचस्पी दिखाई है। मलेशियाई वायुसेना की एक टीम एलसीए के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बेंगलुरु प्लांट का दौरा भी कर चुकी है। मलेशियाई टीम को एलसीए उत्पादन की सुविधाओं, परीक्षण बुनियादी ढांचे के साथ-साथ लड़ाकू क्षमता के बारे में पूरी जानकारी दी जा चुकी है। मलेशिया के फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए प्रतियोगिता में चीन का जेएफ-17, दक्षिण कोरिया का एफए-50 और रूस की तरफ से मिग-35 और याक-130 प्लेन शामिल थे। तेजस ने इन सबको पछाड़कर अपनी पहली पोजिशन हासिल कर ली है।
एलसीए तेजस मार्क -1ए की डील में भारत मलेशिया को मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल का ऑफर भी दे रहा है। यानी मलेशिया में ही एक फैसिलिटी बनाई जाएगी जहां भारतीय इंजीनियर तेजस समेत रूसी सुखोई-30 फाइटर जेट की मरम्मत भी करेंगे। दरअसल, मलेशिया अभी रूस से मदद नहीं ले सकता है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध के चलते रूस पर अंतरराष्ट्रीय डील करने पर प्रतिबंध लगा है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) और एचएएल विमान में 90 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री को शामिल करने पर काम कर रहे हैं, जबकि शुरुआती दौर में 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किये जाने का फैसला हुआ था।

तेजस मार्क -1ए विमान की लागत में कमी लाने के लिए कई घटक और प्रणालियों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा, जो पहले विदेशों से आने वाली थीं। विमान एक नई उत्पादन लाइन स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ बातचीत भी चल रही है। उत्पादन में अधिक स्वदेशी सामग्री इस्तेमाल किये जाने से प्रति विमान की लागत में और गिरावट आने की संभावना है, जिससे यह सबसे किफायती 4.5 जनरेशन का मीडियम वेट फाइटर जेट होगा। हालांकि, तेजस मार्क -1ए में जीई का एफ-414 इंजन (98 केएन थ्रस्ट) लगाया जाना है, जो विदेशी मूल का सबसे बड़ा घटक होगा। इंजन के पुर्जों का निर्माण भारत में किया जा सकता है। जीई ने पहले ही एक दर्जन से अधिक इंजन भारत को भेज दिए हैं जिनका उपयोग प्रोटोटाइप विमानों पर किया जाएगा।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

महाराष्ट्र विस चुनाव नतीजों पर प्रधानमंत्री ने जताया लोगों का आभार, कहा- यह विकास और सुशासन की ऐतिहासिक जीत

नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के निर्णायक नतीजों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वहां की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *