कोलकाता, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कार्यवाहक राज्यपाल ला गणेशन के भाई के जन्मदिन का आमंत्रण मिलने के कारण चेन्नई के लिए रवाना हुई हैं। यहां दमदम हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने गुजरात हादसे पर बीत की।
उनसे पूछा गया कि मोरबी हादसे पर प्रधानमंत्री की भूमिका के बारे में आप क्या कहेंगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस हादसे में कई लोगों की जान गई है। इस पर मैं राजनीति नहीं करना चाहती। इसे मानवीय रूप में देखा जाना चाहिए। इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना के लिए जो लोग भी जिम्मेदार हैं, उन्हें कठोर से कठोर सजा होनी चाहिए।
ममता ने कहा कि हर एक राज्य में ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं। इसमें सरकार की कोई गलती नहीं रहती। जो लोग ऐसे ब्रिजों का निर्माण करते हैं उन संस्थाओं को काम देने से पहले उनके रिकॉर्ड को देखा जाना चाहिए। जो ब्रिज निर्माण हुए हैं उनका ऑडिट किया जाना जरूरी है। निर्माणकारी संस्थाएं ब्रिज बनाने में काफी लापरवाही और भ्रष्टाचार करती हैं। ऐसे लोग जो लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
हालांकि उन्होंने गुजरात सरकार की कार्यशैली पर तंज कसा। ममता ने कहा कि वहां की स्थानीय सरकार चुनाव को लेकर व्यस्त है इसलिए जो लोग मारे गए हैं या घायल हुए हैं उनके परिजनों को ठीक से मदद नहीं मिल रही है।
बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी नागरिकता अधिनियम
इसके अलावा गुजरात में चुनाव से पहले तीन जिलों में पड़ोसी मुल्कों से आए गैर मुस्लिम लोगों को नागरिकता देने की जो शुरुआत की गई है उस पर भी ममता ने रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जो गुजरात में नागरिकता के संबंध में हो रहा है वह बंगाल में कभी नहीं होगा। वहां चुनाव है इसलिए वे (भाजपा) ऐसा कर रहे हैं। बंगाल में जो लोग भी रहते हैं वे सारे नागरिक हैं। मैं कभी भी नागरिकता अधिनियम को बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी।
साभार-हिस