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हिन्दी के लिए स्वर्णिम दिन, केन्द्रीय गृह मंत्री ने हिन्दी भाषा में एमबीबीएस की पुस्तकों का किया विमोचन

  • अंग्रेजों की भारतीय प्रतिभाओं के ब्रेन ड्रेन की व्यवस्था को प्रधानमंत्री ने ब्रेन ग्रेन में बदला: शाह

  • देश में मेडिकल के बाद अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में शुरू करने का ऐलान

भोपाल, देश में पहली बार मध्य प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में होगी। इसके लिए विशेष रूप से हिन्दी भाषा में तैयार की गईं एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पुस्तकों का लोकार्पण केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। शाह ने शीघ्र ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी भाषा में शुरू करने का ऐलान किया।

रविवार को भोपाल के लाल परेड मैदान पर आयोजित ‘हिन्दी में ज्ञान का प्रकाश’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष की तीन पुस्तकों का विमोचन कर देश में हिन्दी माध्यम से मेडिकल पाठ्यक्रम की पढ़ाई के एक नए युग शुभारंभ किया। कार्यक्रम में करीब 30 हजार विद्यार्थियों के अलावा चिकित्सा और हिन्दी क्षेत्र के जानकार मौजूद रहे।
इस मौके पर केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि आज का दिन भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। इतिहास में आज के दिन को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। यह पूरे देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्जागरण और पुनर्निर्माण का क्षण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थानीय भाषाओं में उच्च शिक्षा का संकल्प व्यक्त किया था, उसे मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में साकार किया गया। आज मैं प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने ने नई शिक्षा नीति में बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने पर बल दिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में प्रारंभ कर ऐतिहासिक कार्य किया है। गुलामी के दौर में अंग्रेजों ने भारत की प्रतिभाओं के ब्रेन ड्रेन के लिए व्यवस्था की, जिसे अब प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रेन ग्रेन में बदल दिया है। अपनी भाषा में शिक्षा से बच्चों की प्रतिभा और निखरेगी। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री को अभिनव प्रयास के लिए बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि देशभर में आठ भाषाओं में पढ़ाई हो रही है। मेडिकल और इंजीनियरिंग में जो मातृभाषा के समर्थक हैं, उनके लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। अब हमें अपनी भाषा में शिक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि मप्र के चुनाव में पार्टी के घोषणा पत्र में इसका जिक्र था। नई शिक्षा नीति काे सबसे पहले मप्र ने जमीं पर उतारा है। इसके लिए हिन्दी प्रकोष्ठ का गठन हुआ।
उन्होंने कहा कि सर्वे के बाद बहुत मेहनत के बाद पुस्तकों को रिलीज किया गया। सोचने की प्रक्रिया अपने मातृभाषा में ही होती है। नेशनल मंडेला ने कहा था कि यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हो तो वह उसके दिमाग में जाता है। अनुसंधान अपनी भाषा में हो तो भारत के युवा भी किसी से कम नहीं हैं। वो विश्व में भारत का डंका बजाकर आएंगे। मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराने के लिए मध्य प्रदेश के संकल्प से देश में क्रांति आएगी।
उन्होंने कहा कि मेडिकल के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में शुरू होगी। देश की आठ भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए सिलेबस के अनुवाद का काम शुरू हो गया है। छह माह बाद, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में करने का मौका मिलेगा।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर एमबीबीएस प्रथम वर्ष की तीन पुस्तकों का विमोचन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा समेत कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री चौहान और मंत्री सारंग ने भी संबोधित किया।
साभार-हिस

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