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पत्नी को सरकारी नौकरी और पचास लाख रुपये देने की मांग
जम्मू, शोपियां में आतंकियों की गोली का शिकार हुए कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट का अंतिम संस्कार रविवार को जम्मू के बनतालाब में किया गया। उन्हें उनके बड़े भाई के बेटे शुभम ने मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
जम्मू के बनतालाब में कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट के अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने पाकिस्तान और आतंकवाद मुर्दाबाद और ‘जिस कश्मीर को खून से सींचा, वो कश्मीर हमारा है’ के नारे लगाए। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने कहा कि घाटी में रह रहे लोगों को पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए। साथ ही पूरण भट्ट के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। मौके पर मौजूद लोगों ने मांग करते हुए कहा कि सात दिन के भीतर पूरण भट्ट की पत्नी को सरकारी नौकरी और पचास लाख रुपये दिए जाने चाहिए।
पूरण भट के रिश्तेदारों ने बताया कि वह शोपियां में ही रहते थे। कोरोना महामारी के बाद 2020 में वह पत्नी और बच्चों के साथ जम्मू आ गए थे लेकिन उनका शोपियां आना-जाना लगा रहता था। तीन दिन पहले ही वह जम्मू से शोपियां अपने सेब के बगीचे की देखरेख के लिए गए थे। शनिवार को उन पर अचानक आतंकियों ने सामने से उन गोली चला दी। इस दौरान घायल पूरन भट को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पूरण भट के दो बच्चे हैं, जिनमें लड़का पांचवीं और लड़की सातवीं कक्षा में पढ़ती है। शनिवार देर रात पूरण कृष्ण का शव जम्मू लाया गया था।
अंतिम संस्कार के समय जम्मू संभाग के डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार, एडीजीपी मुकेश सिंह, डीआईजी विवेक गुप्ता, जम्मू उपायुक्त अवनि लवासा, एसएसपी जम्मू भी मौजूद रहे।
साभार-हिस