नई दिल्ली, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर मिस्र के विदेश मंत्री समेह हसन शौकरी के निमंत्रण पर 15-16 अक्टूबर तक मिस्र की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह उनकी मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री शौकरी के साथ पारस्परिक हित के कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार विदेश मंत्री की मिस्र यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और पारस्परिक हित के सभी मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी। यह यात्रा सहयोग को गहरा करने और द्विपक्षीय साझेदारी में नई पहल का पता लगाने का अवसर प्रदान करती है।
विदेश मंत्री छात्रों सहित मिस्र में स्थित भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे। मिस्र और भारतीय व्यापारिक समुदाय की एक सभा को भी संबोधित करेंगे।
भारत और मिस्र के संबंध
भारत और मिस्र के इतिहास और सांस्कृति पर आधारित मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं। भारत की अध्यक्षता में 2022-23 में जी-20 के दौरान मिस्र को ‘अतिथि देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया है।
मिस्र अफ्रीका में भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है। यात्रा के दौरान द्विपक्षीय व्यापार, वाणिज्य और निवेश को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान होगा। भारत-मिस्र द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 7.26 अरब अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया। मिस्र में भारतीय निवेश 3.15 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है।
मिस्र में विनिर्माण, रसायन, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, खुदरा आदि क्षेत्रों में 50 से अधिक भारतीय कंपनियां सक्रिय रूप से मौजूद हैं।
साभार-हिस