पटना, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच नूरा-कुश्ती जारी है। नीतीश कुमार ने शनिवार को प्रशांत किशोर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रशांत किशोर को मैंने जदयू के लिए कोई ऑफर नहीं दिया है। वह अपनी मर्जी से अनाप-शनाप बोलते हैं। नीतीश ने कहा कि पीके एक बार पहले भी मेरे पास प्रस्ताव लेकर आए थे कि जदयू का कांग्रेस में विलय कर दीजिये। उनकी बातों का कोई मतलब ही नहीं है। पीके अब भाजपा के एजेंडे पर चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर जेपी गोलंबर पहुंचे थे। नगर निकाय चुनाव पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब कुछ 1978 से चला आ रहा है और सुशील मोदी के मंत्री रहते ही सब कुछ हुआ था। अब भाजपा से पूछिए कि इसका विरोध क्यों कर रहे हैं ? क्या भाजपा ओबीसी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के खिलाफ हो गई है?
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर सीबीआई की चार्जशीट को लेकर सीएम नीतीश ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है। पांच साल पहले भी यही हुआ था। भाजपा का जो मन करता है वही करती है लेकिन इस बार हम लोग भी साथ हैं।
दूसरी ओर प्रशांत किशोर ने आज मोतिहारी में जनसुराज यात्रा के दौरान बिहार में पलायन और बेरोजगारी की समस्या को उठाते हुए कहा, “बिहार में ऐसे कई परिवार हैं जिनके लड़के केरल, गुजरात, आंध्रा कश्मीर समेत कई राज्यों में काम कर रहे हैं। मात्र 10-15 हजार में कम उम्र के लड़कों को गांव छोड़कर दूर के राज्यों में जाकर काम करना पड़ रहा है। उसको पर्व त्योहार में भी घर आने का अवसर नहीं है। ये व्यवस्था बदलनी चाहिए। इसलिए हमने संकल्प लिया है कि मौका मिला तो छह महीने से एक साल के भीतर जितने लड़के बिहार से बाहर काम कर रहे हैं उनके रोजगार की व्यवस्था यहीं की जाएगी।”
साभार-हिस