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समुद्री अभ्यास ने दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी समझ और अंतर को मजबूत किया
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युद्धाभ्यास खत्म होने के बाद पारंपरिक स्टीम पास्ट के साथ एक-दूसरे को विदाई दी
नई दिल्ली, भारत और जापान के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ पर बंगाल की खाड़ी में शुरू हुआ जापान-भारत समुद्री युद्धाभ्यास (जिमेक्स) खत्म हो गया है। अभ्यास के छठे संस्करण में जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) के जहाजों का नेतृत्व एस्कॉर्ट फ्लोटिला फोर के कमांडर रियर एडमिरल हिरता तोशीयुकी ने और भारतीय नौसेना के जहाजों का नेतृत्व ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल संजय भल्ला ने किया।
भारतीय नौसेना की ओर से आयोजित जापान इंडिया मैरीटाइम एक्सरसाइज का छठा संस्करण जिमेक्स-22 बंगाल की खाड़ी में 11 सितम्बर को शुरू हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों ने युद्धाभ्यास खत्म होने के बाद 17 सितंबर को पारंपरिक स्टीम पास्ट के साथ एक-दूसरे को विदाई दी। जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) के जहाजों इजुमो और ताकानामी के नेतृत्व में भारतीय नौसेना के जहाजों ने सप्ताह भर चलने वाले अभ्यास में भाग लिया। अभ्यास के दौरान दोनों नौसेनाओं ने एक-दूसरे के जटिल अभ्यासों को देखा। इस अभ्यास में शिपबोर्न हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान और पनडुब्बियों ने भी भाग लिया।
अभ्यास के दौरान दोनों नौसेनाएं उन्नत स्तर के पनडुब्बी रोधी युद्ध, हथियारों से फायरिंग और वायु रक्षा अभ्यास में लगी रहीं। आपूर्ति और सेवाओं के पारस्परिक प्रावधान के समझौते के तहत भारत और जापानी जहाजों ने समुद्र में एक-दूसरे की भरपाई की। 2012 में अपनी स्थापना के बाद से जिमेक्स अभ्यास ने अपनी दसवीं वर्षगांठ को चिह्नित करते हुए दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी समझ और अंतर को मजबूत किया। अभ्यास के दौरान सतह, उप-सतह और वायु डोमेन में जटिल अभ्यासों के माध्यम से दोनों देशों के समुद्री बलों के बीच साझेदारी मजबूत दिखी।
भारतीय नौसेना के जहाजों ने बंगाल की खाड़ी में पहुंचने पर जापानी जहाज हेलीकॉप्टर वाहक इजुमो और निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ताकानामी का स्वागत किया। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित बहुउद्देश्यीय स्टील्थ फ्रिगेट सह्याद्री के अलावा पनडुब्बी रोधी युद्धपोत कदमत और कवरत्ती ने किया। इसके अतिरिक्त निर्देशित मिसाइल विध्वंसक रणविजय, फ्लीट टैंकर ज्योति, अपतटीय गश्ती पोत सुकन्या, पनडुब्बी, मिग-29के लड़ाकू विमान, लंबी दूरी की समुद्री गश्ती विमान और समुद्री हेलीकॉप्टर ने भी अभ्यास में भाग लिया।
साभार-हिस