मुंबई, वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना महाराष्ट्र से गुजरात जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने महाविकास आघाड़ी सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को महाराष्ट्र में आने से रोकने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का रुख एक जैसा रहा है। विलासराव देशमुख के मुख्यमंत्रित्व काल में टाटा की नैनो परियोजना महाराष्ट्र से बाहर चली गई थी।
माधव भंडारी ने मुंबई में बुधवार को पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से महाविकास आघाड़ी के कार्यकर्ताओं की जबरन वसूली की शिकायत की थी। उस समय उद्धव ठाकरे ने इस पर कोई कारगर कदम नहीं उठाया था। भंडारी ने कहा कि ठाकरे सरकार को वेदांत-फॉक्सकॉन के साथ चर्चा करके परियोजना को पूरा करना चाहिए था।
उन्होंने यह भी कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार की वसूली नीति से महाराष्ट्र के उद्योग क्षेत्र को झटका लगा है। इसी वजह से पिछले ढाई वर्षों में नीतिगत निर्णय न लेने और वसूली प्रक्रिया के कारण कई निवेशकों और उद्योगों ने महाराष्ट्र से मुंह मोड़ लिया है। पिछली सरकार की नीतियों के कारण महाराष्ट्र में औद्योगिक माहौल अनुकूल नहीं बन पाया है। ठाकरे सरकार के दौरान ओला का प्रोजेक्ट अधर में रहा, टेस्ला ने मुंह फेर लिया। ठाकरे सरकार के दौरान कितने उद्योग बंद हुए, इस पर शोध किया जाना चाहिए।
साभार-हिस