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संविदा कर्मचारियों को करेंगे पक्का : केजरीवाल

नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि देश में जहां कहीं भी आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार बनेगी वहां संविदा कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यहां डिजिटल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक हवा यह चल रही है कि सरकारी नौकरियां खत्म करो, सरकारी नौकरियों में भर्ती मत करो और उनकी जगह कच्चे लोगों को लगाओ। कच्चे में ही उन लोगों की पूरी जिंदगी बीत जाती है।
पंजाब के संविदा कर्मचारियों को पक्का करने की दिशा में कदम उठाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिक्षक दिवस पर 8736 संविदा शिक्षकों को स्थायी करने का ऐलान किया था। पहली बार देश में भगवंत मान के नेतृत्व में आप सरकार ने पंजाब में 8736 शिक्षकों को पक्का किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में और भी कई हजार कच्चे कर्मचारी हैं। राज्य सरकार उन सभी को पक्का करने की योजना तैयार कर रही है।
उन्होंने कहा कि इनको पक्का करने में थोड़ा समय इसलिए लग रहा है, क्योंकि कानूनी रूप से ऐसा किया जाए, ताकि अगर कोई उसको कोर्ट में चुनौती दे, तो वो टिक जाए। ऐसा न हो कि केवल दिखाने के लिए खानापूर्ति करके कर दिया और फिर कोर्ट में जाकर हार गए, तो उन कर्मचारियों के साथ धोखा होगा।
केजरीवाल ने कहा कि इनमें कई ऐसे कच्चे कर्मचारी हैं, जो पिछले 10 से 15 साल से धरने-प्रदर्शन कर रहे थे, टंकियों पर चढ़े हुए थे और बहुत दुखी थे। ये कर्मचारी धरने-प्रदर्शन कर करके तंग आ गए थे। उनकी उम्र भी अधिक हो गई थी। इसलिए उनको उम्र में छूट भी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए एक बहुत बड़ी बात है। पूरे देश में जगह-जगह राज्य सरकारें और केंद्र सरकार सरकारी नौकरियां एक के बाद एक खत्म करती जा रही हैं। जब भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और हर राज्य की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, तो सरकारी नौकरियां तो और बढ़नी चाहिए। सरकारी नौकरियां कम कैसे हो सकती हैं? लेकिन पूरे देश में एक पैटर्न चल रहा है कि सरकारी नौकरियों को खत्म करके, उसके जगह कच्चे कर्मचारियों को लाया जा रहा है। बहुत बड़े स्तर पर सरकारी पदों को खाली रखा गया है और उनकी जगह कच्चे कर्मचारियों को लाया गया है।
वहीं, दिल्ली में करीब 60 हजार शिक्षक काम करते हैं। दिल्ली में पहले इन शिक्षकों को बदनाम किया जाता था। कहा जाता था कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। शिक्षक आते हैं, पेड़ के नीचे बैठ कर महिला शिक्षक स्वेटर बुनती रहती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे उन्हीं शिक्षकों ने दिल्ली में शिक्षा क्रांति करके दिखाई। हमारे उन्हीं सरकारी डॉक्टर्स, नर्सेज और मेडिकल स्टाफ ने हमारे सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में कमाल करके दिखाया है। इसलिए यह कहना गलत है कि पक्के कर्मचारी काम नहीं करते हैं। हमने उन्हीं पक्के कर्मचारियों के जरिए दिल्ली में क्रांति करके दिखाई।
साभार-हिस

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