-
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग करेगा कार्रवाई
-
चावल का सैंपल भी मानव के शरीर के लिए पाया घातक
नई टिहरी, स्टेट लैबोटरी के बाद केंद्रीय लैबोटरी में भी पतंजलि आयुर्वेद का गाय के घी का सैंपल फेल पाया गया है। इसे लेकर खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग एडीएम न्यायालय में जल्द मुकदमा दर्ज कराएगा।
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के जिला अभिहित अधिकारी एमएन जोशी ने बताया कि गत 27 अक्तूबर, 2021 को घनसाली में खरोला एण्ड संस की दुकान से पतंजलि आयुर्वेद लि. के गाय के घी का सैंपल लिया गया था। इसे स्टेट लैबोटरी भेजा गया था। बीती 12 अप्रैल को लैबोटरी की रिपोर्ट में भी अहमद नगर महाराष्ट्र में बना पतंजलि आयुर्वेद लि. का गाय का घी मानकों के विपरीत पाया गया। इस पर कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया।
इसके बाद स्टेट लैबोटरी पर भरोसा नहीं जताते हुए कंपनी ने अपील की कि अन्य किसी लैबोटरी में जांच करायी जाए। अपील में सुनवाई के बाद कंपनी से सेंटर लैबोटरी में जांच के लिए 16 हजार 500 रुपये की फीस जमा करते हुए इस सैंपल सेंटर लैबोटरी में जांच को भेजा गया। बीती 16 अगस्त, 2022 की सेंटर लैबोटरी की रिपोर्ट में भी घी का यह सैंपल मानकों के विपरीत पाया गया। इस पर खाद्य संरक्षा विभाग ने कंपनी के खिलाफ एडीएम कोर्ट में वाद दायर करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
चावल का सैंपल पाया गया घातक-
जनपद के एक रेस्टोरेंट में आम लोगों के खाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले खुले चावल का सैंपल मानव शरीर के लिए घातक पाया गया है। चावल में भारी मात्रा में कीटनाशक की पुष्टि हुई। इस मामले में रेस्टोरेंट स्वामी को नोटिस जारी किया जा रहा है।
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के जिला अभिहित अधिकारी एमएन जोशी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी शारदा शर्मा ने चार धाम यात्रा के दौरान चलाये जा रहे अभियान के तहत सेलुपानी क्षेत्र में विभिन्न खाद्य पदार्थों के सैंपल विभिन्न प्रतिष्ठानों से लिए थे। इसी क्रम में गत 14 मई, 2022 को सेलूपानी में विष्ट रेस्टाेरेंट से पकाने के लिए यूज किये जा रहे खुले चावल का नमूना भी लिया गया था। 16 अगस्त, 2022 को आयी रिपोर्ट में चावल का सैंपल फेल पाया गया है। ये चावल स्वास्थ्य के घातक पाये गये हैं। चावल में कीटनाशक पाया गया है। इसे लेकर रेस्टाेरेंट स्वामी को नोटिस जारी किया जा रहा है। नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वाद दायर किया जायेगा।
साभार -हिस