नई दिल्ली। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर लाल किला से झंडोत्तोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम इस बात को न भूलें और भारत ने सदियों से देखा हुआ है, जैसे देश में कुछ नमूना रूप कामों की जरूरत होती है, कुछ बड़ी-बड़ी ऊंचाइयों की जरूरत होती है, लेकिन साथ-साथ धरातल पर मजबूती बहुत आवश्यक होती है। भारत की आर्थिक विकास की संभावनाएं धरातल की मजबूती से जुड़ी हुई हैं। और इसलिए हमारे छोटे किसान-उनका सामर्थ्य, हमारे छोटे उद्यमी-उनका सामर्थ्य, हमारे लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, सूक्ष्म उद्योग, रेहड़ी-पटरी वाले लोग, घरों में काम करने वाले लोग, ऑटो रिक्शा चलाने वाले लोग, बस सेवाएं देने वाले लोग, ये समाज का जो सबसे बड़ा तबका है, इसका सामर्थ्यवान होना भारत के सामर्थ्य की गारंटी है और इसलिए हमारे आर्थिक विकास की ये जो मूलभूत जमीनी ताकत है, उस ताकत को सर्वाधिक बल देने की दिशा में हमारा प्रयास चल रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास 75 साल का अनुभव है, हमने 75 साल में कई सिद्धियां भी प्राप्त की हैं। हमने 75 साल के अनुभव में नए सपने भी संजोए हैं, नए संकल्प भी लिए हैं। लेकिन अमृत काल के लिए हमारे मानव संसाधन का आप्टिमम आउटकम कैसे हो? हमारी प्राकृतिक संपदा का आप्टिमम आउटकम कैसे हो? इस लक्ष्य को लेकर के हमें चलना है। और तब मैं पिछले कुछ सालों के अनुभव से कहना चाहता हूँ। आपने देखा होगा, आज अदालत के अंदर देखिए हमारी वकील के क्षेत्र में काम करने वाली हमारी नारीशक्ति किस ताकत के साथ नजर आ रही है। आप ग्रामीण क्षेत्र में जनप्रतिनिधि के रूप में देखिए। हमारी नारीशक्ति किस मिजाज से समर्पित भाव से अपनी गांवों की समस्याओं को सुलझाने में लगी हुई हैं। आज ज्ञान का क्षेत्र देख लीजिए, विज्ञान का क्षेत्र देख लीजिए, हमारे देश की नारीशक्ति सिरमौर नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि आज हम पुलिस में देखें, हमारी नारीशक्ति लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा रही है। हम जीवन के हर क्षेत्र में देखें, खेल-कूद का मैदान देखें या युद्ध की भूमि देखें, भारत की नारी शक्ति एक नए सामर्थ्य, नए विश्वास के साथ आगे आ रही है। मैं इसको भारत की 75 साल की जो यात्रा में जो योगदान है, उसमें अब कई गुना योगदान आने वाले 25 साल मैं मेरी नारीशक्ति का देख रहा हूं, मेरी माताओं–बहनों का मेरी बेटियों का देख रहा हूं, और इसलिए ये सारे हिसाब–किताब से ऊपर है। सारे आपके पैरामीटर से अतिरिक्त है। हम इस पर जितना ध्यान देंगे, हम जितने ज्यादा अवसर हमारी बेटियों को देंगे, जितनी सुविधाएं हमारी बेटियों के लिए केंद्रित करेंगे, आप देखना वो हमें बहुत कुछ लौटाकर करके देंगी। वो देश को इस ऊंचाई पर ले जाएगी। इस अमृत काल में जो सपने पूरे करने में जो मेहनत लगने वाली है, अगर उसमें हमारी नारी शक्ति की मेहनत जुड़ जाएगी, व्यापक रूप से जुड़ जाएगी तो हमारी मेहनत कम होगी हमारा समय सीमा भी कम हो जाएगा, हमारे सपने और तेजस्वी होंगे, और ओजस्वी होंगे, और दैदीप्यमान होंगे
उन्होंने कहा कि हम जिम्मेदारियों को लेकर आगे बढ़ें। मैं आज भारत के संविधान के निर्माताओं का भी धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने जो हमें federal structure दिया है, उसके स्पिरिट को बनाते हुए, उसकी भावनाओं का आदर करते हुए हम कंधे से कंधा मिलाकर के इस अमृतकाल में चलेंगे तो सपने साकार होकर के रहेंगे। कार्यक्रम भिन्न हो सकते हैं, कार्यशैली भिन्न हो सकती है लेकिन संकल्प भिन्न नहीं हो सकते, राष्ट्र के लिए सपने भिन्न नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि आइए हम एक ऐसे युग के अंदर आगे बढ़ें। मुझे याद है जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। केंद्र में हमारे विचार की सरकार नहीं थी, लेकिन मेरे गुजरात में हर जगह पर मैं एक ही मंत्र लेके के चलता था कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास। भारत का विकास हम कहीं पर भी हों, हम सबके मन मस्तिष्क में रहना चाहिए। हमारे देश के कई राज्य हैं, जिन्होंने देश को आगे बढ़ाने में बहुत भूमिका अदा की है, नेतृत्व किया है, कई क्षेत्रों में उदाहरणीय काम किए हैं। ये हमारे federalism को ताकत देते हैं। लेकिन आज समय की मांग है कि हमें cooperative federalism के साथ-साथ cooperative competitive federalism की जरूरत है, हमें विकास की स्पर्धा की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हर राज्य को लगना चाहिए कि वो राज्य आगे निकल गया। मैं इतनी मेहनत करूंगा कि मैं आगे निकल जाऊंगा। उसने यह 10 अच्छे काम किए हैं मैं 15 अच्छे काम कर के दिखाऊंगा। उसने तीन साल में पूरा किया है मैं दो साल में कर के दिखाऊंगा। हमारे राज्यों के बीच में हमारी service सरकार की सभी इकाइयों के बीच में वो स्पर्धा का वातावरण चाहिए, जो हमें विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए प्रयास करे।
Home / National / प्रधानमंत्री ने किया राज्यों से प्रतिस्पर्धी बनने का आह्वान, कहा-योजनाओं के जल्द क्रियान्वयन करने की करें प्रतिस्पर्धा
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