नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी। उन्होंने कहा कि न सिर्फ हिन्दुस्तान का हर कोना, लेकिन दुनिया के हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वालों के द्वारा विश्व के हर कोने में यह हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है। मैं विश्वभर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा कि आज का यह दिवस ऐतिहासिक दिवस है। एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नये संकल्प और नये सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का यह शुभ अवसर है। आजादी के जंग में गुलामी का पूरा कालंखड संघर्ष में बीता है। हिन्दुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं था, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न किया हो। जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहूति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरूष को, हर त्यागी को, हर बलिदानी को नमन करने का अवसर है। उनका ऋण स्वीकार करने का अवसर है और उनका स्मरण करते हुए उनके सपनों को जल्द से जल्द पूरा करने का संकल्प लेने का भी अवसर है। हम सभी देशवासी कृतज्ञ है, पूज्य बापू के, नेता जी सुभाष चंद्र बोस के, बाबा साहेब अम्बेडकर के, वीर सावरकर के, जिन्होंने कर्तव्य पथ पर जीवन को खपा दिया। कर्तव्य पथ ही उनका जीवन पथ रहा। यह देश कृतज्ञ है, मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकुमत की नींव हिला दी थी। यह राष्ट्र कृतज्ञ है, उन वीरांगनाओं के लिए, रानी लक्ष्मीबाई हो, झलकारी बाई, दुर्गा भाभी, रानी गाइदिन्ल्यू, रानी चेनम्मा, बेगम हजरत महल, वेलु नाच्चियार, भारत की नारी शक्ति क्या होती है।
उन्होंने कहा कि भारत की नारी शक्ति का संकल्प क्या होता है। भारत की नारी त्याग और बलिदान की क्या पराकाष्ठा कर सकती है, वैसी अनगिनत वीरांगनाओं का स्मरण करते हुए हर हिन्दुस्तानी गर्व से भर जाता है। आजादी का जंग भी लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी हों, नेहरू जी हों, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री, दीनदयाल उपाध्याय, जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनाबाभावे, नाना जी देशमुख, सुब्रह्मण्यमभारती, अनगिनत ऐसे महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है।
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