नई दिल्ली, आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत बुधवार को प्रधान डाकघर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की थीम पर पांच दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे भूतपूर्व राज्यसभा सांसद व पद्म विभूषण से सम्मानित सरदार त्रिलोचन सिंह ने अपनी आप बीती सुनाई। उन्होंने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ था तब वे 13 साल के थे। पाकिस्तान से जान बचाकर उन्होंने पटियाला के राजा के भवन में शरण ली और कई महीनों तक बाल मजदूरी करने पर मजबूर हुए। उन दिनों चारों ओर खौफ का माहौल था।
विभाजन पर अपनी स्मृतियों को सांझा करते हुए त्रिलोचन सिंह ने बताया कि विभाजन के समय महिलाओं पर खासा अत्याचार हुआ था। कई परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वंय ही मौत के घाट उतार दिया था। बेघर लोगों की तस्वीरों को दिखाते हुए उन्होंने बताया कि उनके गांव में 95 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग थे जिन्होेंने सिखों के सभी घर जला दिए। लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए पटियाला के महाराजा के घर में शरण ली। वहां से वे पंजाब चले आए। लाखों की संख्या में लोग बेघर थे, मजदूरी करके अपना पेट पाला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस आयोजन से देश के सभी लोगों को विभाजन के दंश को याद करने का मौका मिलेगा। यह प्रदर्शनी 10 अगस्त से 14 अगस्त तक प्रधान डाकघर नई दिल्ली में प्रदर्शित की जाएगी ।
इस अवसर पर दिल्ली परिमंडल की निदेशक डाक सेवाएं बिनती चौधरी, उप-निदेशक नई दिल्ली प्रधान डाकघर प्रसेनजीत चटर्जी, सहायक निदेशक (वितरण) बाल किशन, एएसपी अजय कुमार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे ।
साभार -हिस