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एम राणा मंडी (हिमाचल) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल जम्मू के निवासी थे
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हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए
नई दिल्ली,राजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायु सेना के मिग-21 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट में शहीद होने वाले दोनों पायलटों की पहचान हो गई है। वायु सेना ने दोनों पायलटों की शहादत को सलाम करते हुए गहरा अफसोस जताया है। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए पहले ही कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।
भारतीय वायुसेना का एक ट्विन सीटर मिग-21 ट्रेनर विमान गुरुवार शाम राजस्थान के उतरलाई हवाई अड्डे से प्रशिक्षण उड़ान के लिए रवाना हुआ। रात करीब 9:10 बजे बाड़मेर के पास विमान का एक्सीडेंट हो गया। दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आईं जिसके बाद दम तोड़ दिया। वायु सेना ने बाड़मेर के पास कल मिग-21 ट्रेनर दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले 2 बहादुर पायलटों को सलाम किया है। वे नियमित रात्रि मिशन पर थे।
इस हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर एम राणा ने दिसंबर, 2005 में कमीशन प्राप्त किया था और वह स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर थे। युवा फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल जून, 2018 में वायु सेना में शामिल हुए थे। वह एक नवोदित फाइटर पायलट थे। विंग कमांडर एम राणा हिमाचल के मंडी के रहने वाले थे, जबकि फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल जम्मू के निवासी थे। दुर्घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से बात की। वायुसेना प्रमुख ने उन्हें घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि पिछले पांच वर्षों में वायु सेना और सेना के 15 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिसमें 31 सैन्यकर्मी मारे गए हैं और 20 घायल हुए हैं। इनमें तीन दुर्घटनाओं में रूसी मूल के एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर शामिल थे, जिनमें से एक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 सैन्य अधिकारियों की मौत हुई थी। अक्टूबर 2017 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग के पास एमआई-17 वी5 दुर्घटना में दो अधिकारियों सहित अन्य 7 लोग मारे गए। अन्य दुर्घटनाओं में छह स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच), चार चीता, एक चेतक और एक एमआई-17 शामिल थे।
साभार -हिस