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विहिप प्रवक्ता को पितृ शोक, श्रृद्धांजलि सभा 13 को बाड़ी, राजस्थान में

बाड़ी। जुलाई 12, 2022। विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल के पूज्य पिता श्री लक्ष्मी नारायण बंसल की प्रेरणा सभा (श्रृद्धांजलि) बुधवार 13 जुलाई को सायं 3 बजे राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी कस्बे के मथुरा पैलेस में रहेगी। वे 86 वर्ष के थे। बाड़ी में सनोरा वालों के नाम से विख्यात श्री लक्ष्मी नारायण ने अपनी जीवन भर की तपस्या से परिवार मे अनेक हीरों को जन्म दिया जो देश धर्म व सामाजिक जीवन में उत्कृष्ट कार्यों के लिए जाने जाते हैं।

श्री विनोद बंसल ने बताया कि सादा जीवन, उच्च विचार व हर स्थिति – परिस्थिति में सम रहने वाले पूज्य पिताश्री की प्रेरणा व शिक्षाओं के फलस्वरूप ही हम सभी परिजन सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर भाग ले पाते है।

श्री बंसल ने बताया कि उनका शरीर रविवार सायं काल जोधपुर में शांत हो गया था। वे ना किसी के तीन में, ना तेरह में थे।

भगवत भक्ति व कर्म की शक्ति ही उनके जीवन के मूलाधार थे। हर स्थिति में सम रह कर हम सभी आठों भाई बहिनों को प्रभु कृपा का पात्र बनाया। जीवन के नौ दशकों की यात्रा उन्होंने अविराम की। स्वयं को प्रभु से और हमें समाज से जोड़ कर चलते बने।

त्याग, करुणा, कर्तव्य निष्ठा, भक्ति, समय पालन, व्यावसायिक सुचिता के धनी थे। सभी कामों को प्रभु का कार्य मानकर उसे ही समर्पित कर देते थे। ना किसी के सामने हाथ पसारा और ना ही किसी को खाली हाथ जाने दिया। सेवा, सत्कार व निर्लिप्त भाव के धनी थे।

वे कहते थे कि बेटा इतना मीठा मत बनो कि दुनिया गुलगुले की तरह निगल ही जाए और ना ही इतने कड़वे बनो कि दुनिया आपको उगलती फिरे। भक्ति व कर्म में विराम कैसा! यही तो मानव को महान व प्राणियों में श्रेष्ठ बनाते हैं।

उनके साथ ही हमारे भरे पूरे कुनवे की एक पीड़ी पूरी हो गई। उनका पार्थिव शरीर सोमवार प्रात: १० बजे वैदिक मंत्रों के साथ राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी कस्बे में स्थित तुलसी वन नामक मोक्षधाम में श्री मुन्नालाल द्वारा मुखाग्नि के साथ अग्निदेव को समर्पित हो गया था।

उन्होने कहा कि सशरीर ना सही किंतु उनके दिए संस्कार, शिक्षाएं, प्रेरणाएं व सुखी तथा सफल मानव जीवन के बीज मंत्र हम सभी को आजीवन पुष्पित व पल्लवित करते रहेंगे।

देवशयनी एकादशी के पावन दिन प्रभु ने अपने भक्त को अपनी गोद में बिठाया है तो कल्याण भी करेंगे ही, हम सभी को भी उनके श्रेष्ठ मार्ग पर सतत अग्रसर रखना, ऐसी प्रभु से करबद्ध प्रार्थना है।

 

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